निवेश के आह्वान के साथ विविधता, मांग और नवाचार से देश में बढ़े अवसर :प्रधानमंत्री

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया-2025’ में भाग लिया। आज से शुरु हुए इस तीन दिवसीय आयोजन में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, खाद्य स्थिरता और पौष्टिक एवं जैविक खाद्य उत्पादन में भारत की ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से निवेशकों को देश के खाद्य उद्योग में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत सहयोग और साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। निवेशकों के लिए देश के खाद्य क्षेत्र में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने का यही सही समय है।
उन्होंने कहा कि भारत में विविधता, मांग और पैमाने से जुड़ी तीन गुना शक्ति है। आज भारत में हर प्रकार का अनाज, फल और सब्जी की पैदावार हो रही है। यह विविधता भारत को दुनिया में खास बनाती है। आज भारत जिस स्तर पर काम कर रहा है वह अपने आप में अभूतपूर्व और अप्रत्याशित है। विविधता, बढ़ती मांग और निरंतर नवाचार के गतिशील मिश्रण से भारत वैश्विक अवसरों और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड लोगों के गरीबी से ऊपर उठने से एक नया मध्यम वर्ग तैयार हुआ है और यह आकांक्षी और ऊर्जावान वर्ग खाद्य रुझानों को निर्धारित करने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि बीते10 सालों में भारत की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता 20 गुना बड़ी है। इसमें खाद्य वितरण, उत्पादन श्रृंखला में किसानों, पशुपालकों, मछुआरों और छोटी प्रसंस्करण इकाइयों की बड़ी भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री ने भारत की युवा शक्ति और सामर्थ्य की सराहना करते हुए कहा कि विविध क्षेत्रों सहित खाद्य उद्योग में भी वह नए-नए नवाचार लेकर आ रहे हैं। नई तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-कॉमर्स और ड्रोन को आपस में जोड़कर सप्लाई चैन, रिटेल और प्रसंस्करण तरीकों को क्रांति लाई जा रही है। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खाद्य वार्ड फूड इंडिया एक नया संपर्क जुड़ाव और रचनात्मक का आयोजन बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में निरंतर योगदान दे रहा है। हमारे किसान, पशुपालक, मछुआरे परिश्रम कर सरकार की नीतियों के सहयोग से देश का सामर्थ्य निरंतर बढ़ रहे हैं। खाद्य उत्पादन क्षमता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व की जरूरत में 25 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। इसके अलावा मोटे अनाज में भी भारत का शीर्ष स्थान है। चावल, गेहूं में तो भारत सबसे बड़ा उत्पादक है।