अरुणाचल के सुदूर सीमावर्ती गांवों का वीवीपी के तहत विकास होगा: खांडू

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ईटानगर{ गहरी खोज }: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र की प्रमुख योजना जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वीवीपी) के तहत राज्य के सुदूरवर्ती गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाया जा रहा है। खांडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “परिवर्तनकारी जीवंत ग्राम कार्यक्रम के तहत, अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांव अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं।” कार्यक्रम के पहले चरण के तहत किए जा रहे कार्यों का विस्तृत विवरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 11 सीमावर्ती जिलों में 455 प्राथमिकता वाले गावों की विकास कार्यों के लिए पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा, “कुल 125 गांवों में 1,022 किलोमीटर लंबी 105 सड़कें बनाई जाएंगी। इसके अलावा, 156 गांवों को 104.99 करोड़ रुपये की 187 विकास परियोजनाओं का लाभ मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुदूर इलाकों में रोशनी के लिए 6,000 से अधिक स्ट्रीट लाइट लगवा रही है और लघु एवं सूक्ष्म जलविद्युत से जुड़ी 50 परियोजनाएं स्थापित कर रही है। खांडू ने कहा कि इस साल अप्रैल में शुरू हुए दूसरे चरण में 122 और गांव शामिल होंगे, जिनमें भारत-म्यांमा सीमा से सटे 67 और भारत-भूटान सीमा से सटे 55 गांव हैं। उन्होंने कहा, “इन जगहों को बारहमासी सड़कें, 4जी दूरसंचार और टीवी कनेक्टिविटी के साथ बिजली की सुविधा मिलेगी।” केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल अप्रैल में वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिए ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम-2’ को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में इस कार्यक्रम के लिए 2,205 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

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