भारत अपनी मेहनत के बल पर समृद्ध बना है: योगी

बस्ती{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि “भारत अपनी मेहनत के बल पर समृद्ध बना है”, जबकि विदेशी देश भारत और दुनिया को लूटकर धन-संपत्ति बटोरते रहे। आदित्यनाथ ने कहा, “(पहले) एक प्रवृत्ति पनपी थी और गुलामी की मानसिकता ने देश को इस तरह जकड़ लिया था कि हर भारतीय को लगने लगा था कि एक भारतीय को नीची नजर से देखा जाना चाहिए, जबकि एक विदेशी को संपन्नता की नजर से देखा जाना चाहिए। आपने देखा होगा कि पिछले 11 वर्षों में इस बुरी प्रवृत्ति पर अंकुश लगा है।” आदित्यनाथ बस्ती जिले में सरस्वती शिशु मंदिर की आधारशिला रखने और उसका भूमिपूजन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
आदित्यनाथ ने कहा, “जो भारतीय है, वही सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि विदेशियों ने जो कुछ भी अर्जित किया है, वह भारत और विश्व को लूटकर ही किया है। भारत अपनी मेहनत के बल पर समृद्ध बना। ऐसा नहीं था कि भारत समृद्ध देश नहीं था। चार सौ साल पहले, भारत दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था हुआ करता था। उन्होंने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25 प्रतिशत था, लेकिन दुर्भाग्य से, जब यह देश 1947 में आजाद हुआ, तो भारत का योगदान केवल दो प्रतिशत रह गया।
उन्होंने कहा, “भारत को लूटा गया, भारत को नोचा गया, भारत की विरासत के प्रतीकों को तोड़ा गया, अपमानित किया गया।” आदित्यनाथ ने कहा, “भारत और भारतीयों के मन में यह भावना पैदा कर दी गई कि जो भी भारतीय है, वह अच्छा नहीं होगा।”
आदित्यनाथ ने कहा, “परिणामस्वरूप, हमने हिंदी और संस्कृत के बजाय अंग्रेजी को भारतीयता का प्रतीक बनाना शुरू कर दिया। भारत के महापुरुषों के बजाय, हमने भारत में दुनिया के उन लोगों को आदर्श मानना शुरू कर दिया, जो अपने देश में तो नायक हो सकते हैं, लेकिन भारत के नायक नहीं हो सकते।”
उन्होंने कहा, “भारत में अपनी परंपराओं और अपने प्रतीकों से दूर होने का दुष्परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे भारत के नागरिकों को लगने लगा कि देश अब कभी आजाद नहीं होगा।” आदित्यनाथ ने कहा, “परिणाम यह हुआ कि जिस भारत के सामने दुनिया की कोई ताकत टिक नहीं सकती थी, वह भारत गुलाम हो गया।” उन्होंने कहा कि भारत में किसी चीज की कमी नहीं थी, न तो ताकत की, न धन की, न ही बुद्धि की।