परिवर्तनी एकादशी कब मनाई जाएगी? जान लें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

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Parivartini-Ekadashi

धर्म { गहरी खोज } :परिवर्तिनी एकादशी एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन करते हुए करवट बदलते हैं। इसलिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी को भारत के कई इलाकों में पार्श्व एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि साल 2025 में परिवर्तिनी एकादशी कब मनाई जाएगी और इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।

परिवर्तनी एकादशी तिथि और पूजा मुहूर्त
हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह तिथि 3 सितंबर को है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त नीचे बताये गए हैं।

ब्रह्म मुहूर्त- 04:52 एम से 05:38 एम तक
प्रात: संध्या- 05:15 एम से 06:24 एम तक
अमृत काल- 06:05 पीएम से 07:46 पीएम तक
पारण मुहूर्त- 01:36 पीएम से 04:07 पीएम तक (4 सितंबर को)
इसके साथ ही परिवर्तिनी एकादशी के दिन रवि योग भी है जो सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर रात्रि 11 बजकर 08 तक रहेगा।

परिवर्तिनी एकादशी के दिन इन मंत्रों का जप बेहद शुभ

परिवर्तिनी एकादशी के दिन व्रत लेने वालों को भी और जो लोग व्रत नहीं ले पा रहे हैं उनको भी नीचे दिए गए मंत्रों का जप करना चाहिए। इन मंत्रों का जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि पर किए जाने वाले ये मंत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति तो देते ही हैं साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी इन मंत्रों के जप से मिलती है।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं, योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं, सर्वलोकैकनाथम्॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्:
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:

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