शहडोल- प्रशिक्षित कामगारों को नहीं मिला काम, मजदूरी को विवश

शहडोल { गहरी खोज }: आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। शहडोल जिले में ऐसे कई प्रशिक्षित कारीगर हैं जो सुविधा और संसाधन के अभाव में मजदूरी करने को विवश हैं। संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के माध्यम से 13 बैगा महिलाओं व 7 बैगा युवाओं को 50 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रशिक्षण के बाद बैगा परिवारों को उम्मीद थी कि उन्हें काम मिलेगा और उनकी आर्थिक समृद्धि का रास्ता खुलेगा। सभी ने बड़ी लगन से प्रशिक्षण लिया और हस्तकला में निपुण हो गए थे। पैसों की कमी व आवश्यक सामग्री के अभाव में इन महिलाओं व युवाओं को निराशा हाथ लगी और वे अपना काम शुरू नहीं कर पाए। वर्ष 2024 में भी जिले के कई युवाओं को हस्त काष्ट कला का प्रशिक्षण दिया गया था। इन युवाओं से किया गया वादा भी अधूरा है। शहडोल जिला कभी काष्ट कला और दरी—कालीन बनाने के काम में अग्रणी था। लेकिन समय के साथ बदलाव नहीं होने के कारण आज पूरा कारोबार हाशिए पर है। सैकड़ों कारीगर बेरोजगार हैं।