करने का मौका मिला था तो किया नहीं

सुनील दास
संपादकीय { गहरी खोज }: राजनीतिक दल चुनाव जीतते हैं तो उनको चुनाव में किए गए वादे पूरे करने का मौका मिलता है। जनता की जितनी सेवा करना चाहे करने का मौका मिलता है। पांच साल में कई बार जो काम वह खुद नहीं करते हैं, वह अपेक्षा करते हैं कि दूसरे राजनीतिक दल को सत्ता मिली है तो उसे करना चाहिए।खुद नहीं कर पाते हैं तो उसे नहीं स्वीकारते हैं कि हम को भी सत्ता मिली थी हम अपने वक्त में नहीं कर पाए। अपनी की हुई गलती को नहीं स्वीकारते हैं और दूसरा वैसा नहीं करता है तो उसे बताते है, कि तुम ऐसा नहीं कर रहे हो तो गलती कर रहे हो। जो सत्ता से उतार दिया जाता है, उसका यही रह जाता है कि वह सरकार को बताते रहता है कि तुम क्या गलत कर रहे हो, तुम क्या क्या गलत कर रहे हो।
छत्तीसगढ़ में २०१८ से पांच साल कांग्रेस की सरकार रही, भूपेश बघेल की सरकार रही। तब भूपेश बघेल सरकार ने चुनाव में किया वादा कि किसानों से धान २५ सौ रुपए में खरीदेंगे। अपना वादा उसने पूरा किया। वह सीधे किसानों से धान २५०० रुपए में नहीं खरीद सकते थे क्योंकि धान का समर्थन मूल्य तय करना केंद्र सरकार का काम है। उस समय केंद्र सरकार हमेशा की तरह धान का समर्थन मूल्य हर साल तय करती थी। तब धान का समर्थन मूल्य १८-१९ सौ रुपए हुआ करता था। भूपेश सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदती थी और अंतर की राशि किसान न्याय योजना के तहत किसानों को देती थी, वह भी साल में चार किश्तों में। तब भाजपा मांग करती थी कि भूपेश सरकार २५०० रुपए प्लस केंद्र ने समर्थन मूल्य जितना बढ़ाया है,जोड़कर दे। मान लो भूपेश सरकार २५०० में धान खरीद रही है और केंद्र सरकार ने पचास रुपए धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया है तो तब भाजपा भूपेश सरकार से कहती वह २५५० रुपए किसानों को धान दे तब भूपेश सरकार कहती थी वह तो पहले से ही किसानों को २५०० रुपए धान का दे रही है, यानी किसानों को ज्यादा दे रही है इसलिए वह केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाया गया पैसा किसानों के नहीं देगी।
तब भूपेश सरकार ने कई साल किसानों को हर साल समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद बढ़ा हुआ पैसा २५०० में जोड़कर नहीं दिया।तब वह गर्व से कहा करती थी कि पूरे देश में हमारी सरकार ही किसानों को सबसे ज्यादा पैसा दे रही है। यानी जितना दे रहे हैं वही बहुत ज्यादा है. इसलिए हम केंद्र ने जितना पैसा बढ़ाया है, हम नही देंगे। शायद आखिरी साल में चुनाव होने के कारण उसने केंद्र सरकार ने जितना पैसा बढ़ाया था, वह जोड़कर किसानों को २६०० कुछ रुपए दिया था।हाल ही में केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में ६९रुपए की वृध्दि की है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि यह अपर्याप्त है। साय सरकार को एमएसपी में ९१७ रुपए जोड़कर ३४०० रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान खरीदना चाहिए।
उनका कहना है कि पिछले साल धान के एमएसपी में ५.३६ प्रतिशत की वृध्दि हुई थी।२१८३ से ११७ रुपए बढ़ाते हुए २३०० रुपए प्रति क्विंटल किया गया था। इस बार एमएसपी मात्र तीन प्रतिशत बढ़ाया गया है। भूपेश बघेल के वक्त कांग्रेस सरकार किसानों को २५०० रुपए मे सौं रुपए बढ़ाकर नहीं देती थी और आज बता रही है कि साय सरकार को तो ३१०० की जगह ३४०० रुपए में धान खरीदना चाहिए। अपने वक्त में भूपेश सरकार ने जो किया था वह सत्ता में आने के बाद साय सरकार कर रही है तो कांग्रेस सरकार उसे गलत बता रही, आज साय सरकार गलत कर रही है तो कांग्रेस को यह स्वीकारना चाहिए कि भूपेश सरकार के समय भी सरकार ने किसानों को २५०० से ज्यादा ने देकर गलत किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता कांग्रेस के वक्त की बात ही नहीं कर रहे हैं। वह सीधे साय सरकार के समय की बात कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन २३-२४ में बोनस की राशि ९१७ रुपए प्रति क्विंटल थी, जो एमएसपी के अतिरिक्त किसानों को मिल रहा था।जिसे २४-२५ में साय सरकार ने घटाकर ८०० रुपए प्रति क्विंटल कर दिया था. इस बार ६९ रुपए धान का मूल्य बढ़ा है इसलिए यह घटकर मात्र ७३२ रुपए रह जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि साय सरकार को पिछली बार बढ़ाया गया ११७ रुपए व इस बार बढ़ाया गया ६९ रुपए यानी कुल १८६ रुपए जोड़कर धान खरीदी ३२८६ में नहीं ३४०० रुपए में करनी चाहिए। कांग्रेस का मानना है कि इस बार सरकार को तीन प्रतिशत की जगह ८ प्रतिशत समर्थन मूल्य .यानी १८४ रुपए बढ़ाना था, उसने तीन प्रतिशत बढ़ाकर किसानों के साथ अन्याय किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता को यह तो याद नहीं है कि कांग्रेस ने अपने वक्त में खुद ऐसा नहीं किया था और आज जब सत्ता में नहीं है तो वह साय सरकार से करने की उम्मीद कर रही है। भूपेश सरकार के समय भी यदि चार साल के समर्थन मूल्य को जोड़ दिया जाए तो २८००-२९०० तो होता यानी भूपेश बघेल ने अपने वक्त में किसानों को २५०० रुपए देकर माना था कि उसने तो किसानों के लिए ऐसा काम किया है जैसा इससे पहले किसी सरकार ने नहीं किया है।साय सरकार तो आज किसानों को भूपेश सरकार के समय से ७०० रुपए ज्यादा दे रही है तो यह तो भूपेश सरकार के समय भी बड़ा काम है। कांग्रेस कितना भी कहे किसान जानते है कि उनको धान का पैसा भूपेश सरकार के समय से भी ज्यादा आज मिल रहा है, इसलिए किसान हितैषी सरकार तो साय सरकार है।