अमृतसर में बम विस्फोट

संपादकीय { गहरी खोज }: अमृतसर के मजीठा रोड बाईपास पर स्थित डीसेट एवेन्यू के बाहर हुए बम विस्फोट ने एक बार फिर पंजाबियों को एक बड़ा झटका दिया है। नशे और भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्ध स्तर पर कार्य कर रही प्रदेश की मान सरकार के लिए अमृतसर में हुआ बम विस्फोट एक बड़ी चुनौती के रूप में आया है।
डीआईजी सतिंदर सिंह अनुसार बम विस्फोट में मारे गए व्यक्ति की पहचान नितिन के रूप में हुई है। वह छेहरटा के विकास नगर का रहने वाला था। पिता राकेश कुमार आटो चलाते हैं। स्वजनों का कहना है कि नितिन नशे का आदी था। उसका नशामुक्ति केंद्र में इलाज चल रहा था। वह मनोरोगी बन चुका था। वह घर से कहां गया था, इस बारे में उन्हें नहीं पता था।
डीआईजी सतिंदर ने कहा कि नितिन के पास से पुलिस को कई सुबूत मिले हैं। इससे स्पष्ट है कि उसका किसी न किसी आतंकी संगठन से संबंध था। फिलहाल उसके आतंकी संगठन के बारे में पता लगाया जा रहा है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की टीम ने पुलिस को स्पष्ट किया है कि धमाका जिससे हुआ वह ग्रेनेड ही है। धमाके के तुरंत बाद दलजीत काफिर सिंह खत्री नाम के इंटरनेट मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट प्रसारित हुई है। इसमें धमाके की जिम्मेदारी ली गई है। इसमें बठिंडा सीआइए स्टाफ (दो) की हिरासत में मारे गए व्यक्ति की मौत का जिक्र किया गया है। पुलिस इस पोस्ट की जांच कर रही है। पंजाब में नवंबर से अब तक 17 ग्रेनेड हमले हुए हैं। अमृतसर में ही छह धमाके हो चुके हैं। 24 नवंबर को अजनाला थाने को आइईडी से उड़ाने का प्रयास हुआ था। 28 नवंबर को बंद पुलिस चौकी के बाहर ग्रेनेड से धमाका किया गया। चार दिसंबर को मजीठा थाने में धमाका हुआ था, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे। 17 दिसंबर को इस्लामाबाद थाने, नौ जनवरी को गुमटाला पुलिस चौकी, तीन फरवरी को फतेहगढ़ चूड़िया बाईपास पर स्थित पुलिस चौकी व 14 मार्च को अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर ग्रेनेड हमला किया गया।
अमृतसर बम विस्फोट पर चिंता प्रकट करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने कहा है कि यह हादसा नहीं, आतंकियों द्वारा की जाने वाली घटना का संकेत था। उन्होंने इस मामले की जांच एन.आई.ए. से करवाने की मांग की। चुघ ने कहा कि यह घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी पुलिस थानों और धार्मिक स्थलों पर ग्रेनेड हमले हो चुके हैं, लेकिन ‘आप’ सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने जालंधर में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर हुए ग्रेनेड हमले बारे कहा कि पंजाब में आतंकवादी गतिविधियां लगातार पैर पसार रही हैं। पंजाब के लोग डर और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं और इसके लिए मान सरकार जिम्मेदार है।
पंजाब सीमावर्ती प्रदेश है और दुश्मन देश पाकिस्तान पंजाब को तबाह करने के लिए 1980-90 के दशक में आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा। फिर नशे की तस्करी के साथ-साथ हथियारों की खेप भेजनी भी शुरू कर दी। अमृतसर बम विस्फोट से पहले हुए धमाके इतने बड़े नहीं थे, यह एक बड़ा धमाका था, पुलिस इस घटना को आतंकी घटना मान रही है।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता को देखते हुए अगर केंद्र सरकार या कोई और यह सोचता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को बंद कर देगा तो वह गलत सोचता है। पाकिस्तान एक दुश्मन देश है, जिसकी अपनी राजनीति में भारत के प्रति नफरत ही केंद्र बिन्दु है। उसकी सेना भी भारत का नाम लेकर अपना हित साधने का कार्य पिछले कई दशकों से कर रही है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद पाकिस्तान के आंतरिक हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान एक बार फिर पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा देने की भरपूर कोशिश करेगा। अमेरिका व कनाडा में बैठे पन्नु जैसे अलगाववादी पाकिस्तान का साथ देंगे।
पाकिस्तान के नापाक इरादों को देखते हुए जहां केंद्र सरकार को सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है, वहीं पंजाब सरकार को प्रदेश में बम विस्फोटों की निरंतर हो रही घटनाओं को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।