जहर बराबर हैं ये फूड, बच्चों की बिगड़ रही सेहत, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: हमारे देश में कई तरह के अनाज, मौसमी फल, सब्जियों की खूब खेती की जाती है। ये सभी फूड्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है, लेकिन आज के टाइ में बिगड़ता खानपान कम उम्र में ही लोगों को बीमारियों की तरफ धकेल रहा है। यंग जेनरेशन से लेकर बच्चों और व्यस्कों तक को वेस्टर्न फूड कल्चर काफी पसंद आने लगा है। भारत की मार्केट्स में भी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फू़्स फूड्स की भरमार आ गई है, जिस वजह से लोगों को ये फूड काफी आकर्षित करते हैं और इसी के चलते वेस्टर्न फूड कल्चर फॉलो करना ट्रेंड सा बन गया हैं। हाल ही में वाइट हाउस की एक रिपोर्ट सामने आई है जो काफी परेशान कर देने वाली है। खराब खानपान से लेकर बिगड़े हुए रूटीन तक कई ऐसी वजहे हैं जो अमेरिकन बच्चों को कम उम्र में ही शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार बना रही हैं।

भारत कृषि प्रधान देश है और हमारे घरों की रसोई में बनने वाला खाना न्यूट्रिएंट्स रिच होता है। वहीं हमारे यहां पुराने जमाने से ही सुबह जल्दी उठने, योग या व्यायाम करने, समय पर खाने, सोने जागने तक के नियम बताए गए हैं, लेकिन वेस्टर्न फूड और वहां के कल्चर को फॉलो करने का जो ट्रेंड है वो हमारे यहां के बच्चों और यंग जेनेरेशन को कई बीमारियों की तरफ धकेल रहा है, इसलिए हमें अपने खानपान और रूटीन में सुधार करना चाहिए। चलिए जान लेते हैं कि क्या कहती है ये रिपोर्ट, जिससे हमें सेहतमंद बने रहने के लिए अपनी डाइट और रूटीन में सुधार करना चाहिए।

क्या कहती है रिपोर्ट?
वाइट हाउस की तरफ से जारी की गई हालिया रिपोर्ट कहती है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, कम फिजिकल एक्टिविटी, लंबा स्क्रीन टाइम और कॉर्पोरेट लॉबी की वजह से अमेरिका के बच्चों और नई जेनरेशन की मेंटल और फिजिकल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

40 प्रतिशत बच्चों में पुरानी बीमारी
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अमेरिका के करीब सवा सात करोड़ बच्चों में से 40 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें कोई न कोई पुरानी बीमारी है। इसमें अस्थमा, डायबिटीज, एलर्जी, ऑटोइम्यून बीमारियां, बिहेवियरल डिसऑर्डर्स शामिल हैं। मोटापा की समस्या भी काफी ज्यादा बढ़ गई है।

थाली में जहर बराबर हैं ये फूड
अमेरिकी मार्केट में अल्ट्रा प्रोसेस्ट फूड की भरमार है। इसकी बिक्री तकरीबन 70 प्रतिशत है। ये फूड थाली में जहर बराबर माने जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 6 साल से ज्यादा की उम्र वाले 20 प्रतिशत बच्चे मोटापे का शिकार हैं तो वहीं 70 प्रतिशत टीनएज (मोटापे से जूझ रहे) बच्चों में हार्ट डिजीज का जोखिम है। 50 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो रोजाना फलों का सेवन नहीं करते हैं, जिस वजह से उनमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

मेंटल हेल्थ भी हो रही खराब
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 80 प्रतिशित हाई स्कूल के छात्र ऐसे हैं जो 8 घंटे की भरपूर नींद नहीं ले पारे हैं तो वहीं 70 प्रतिशत यंगस्टर्स ऐसे हैं जो अकेलेपन का सामना कर रहे हैं और 15 प्रतिशत युवाओं के करीबी दोस्त नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 घंटे औसतन स्क्रीन के सामने बीतते हैं, जबकि 3 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम होने पर नींद प्रभावित होती है और डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

हमें भी ध्यान देने की जरूरत
भारत में भी यंगस्टर्स और टीनएज तेजी से वेस्टर्न कल्चर को फॉलो करने की तरफ बढ़ रहे हैं और लोगों में कम उम्र में कई बीमारियां देखने को मिल रही हैं। हेल्दी रहना है तो हमें अपनी जीवनशैली को सही बनाना होगा, जैसे स्क्रीन टाइम कम करना, प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी और देसी खानपान को बढ़ावा देना चाहिए।

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