हिमाचल सरकार ने विमल नेगी मामले में सीबीआई जांच के फैसले का स्वागत किया

शिमला { गहरी खोज }: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक बयान में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने हमेशा विमल नेगी के परिवार की इच्छा के अनुसार काम किया है और आगे भी करती रहेगी।
श्री चौहान ने कहा कि इस साल मार्च में विमल नेगी का शव बरामद होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचपीपीसीएल के उन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था जो कथित तौर पर कदाचार में शामिल थे। नेगी की पत्नी और रिश्तेदारों की मांग के बाद इन अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नियुक्त किया गया था और मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।
श्री चौहान ने कहा, ‘अब जबकि परिवार ने एसआईटी जांच से असंतोष व्यक्त किया है और गड़बड़ी का संदेह है, सरकार उनके साथ खड़ी है और उच्च न्यायालय के आदेश का पूरा सम्मान करती है।’ ‘सीबीआई सभी कोणों से जांच करेगी और सरकार को इस कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं है।’
उन्होंने न्याय के प्रति मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए जोर देकर कहा कि सरकार शोक संतप्त परिवार को न्याय सुनिश्चित करने वाले किसी भी उपाय के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई पहलू छूट गया है तो सीबीआई उसे उजागर करेगी। हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं।’
उल्लेखनीय है कि एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मार्च 2025 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। 10 मार्च को लापता होने के आठ दिन बाद 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिले के गोविंद सागर झील में मिला था। नेगी के परिवार और सहकर्मियों ने आरोप लगाया कि उनकी मौत से पहले वे कार्यस्थल पर अत्यधिक तनाव और उत्पीड़न का सामना कर रहे थे।