बच्चों में टाइफाइड होने पर कौन से लक्षण दिखते हैं, एक्सपर्ट से जानें

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज } :टाइफाइड एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यहसाल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस संक्रमण के शुरुआत में लक्षण काफी हल्के होते हैं। जिससे टाइफाइड के बारे में पता ही नहीं चलता। बच्चों में यह संक्रमण खासा घातक भी हो सकता है। टाइफाइड को मियादी बुखार भी कहते हैं। यह बुखार एक सप्ताह से तीन सप्ताह या उससे भी ज्यादा समय तक रह सकता है। बच्चों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण उन्हें इस संक्रमण के होने की आशंका ज्यादा रहती है। क्या हैं टाइफाइड के लक्षण और कैसे करें इससे बचाव। बता रहे हैं एक्सपर्ट
बच्चों में टाइफाइड संक्रमण के लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं। जिससे इस संक्रमण का आभास ही नहीं होता। धीरे-धीरे यह लक्षण तेज होते जाते हैं और बच्चे की स्थिति बिगड़ती जाती है। इसिलए जरूरी है कि शुरुआत में ही टाइफाइड के लक्षणों को पहचान कर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए। टाइफाइड संक्रमण आंतों और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। बच्चों में इसके लक्षण पुष्ट होने में दो से तीन सप्ताह भी लग सकते है। संक्रमण से मुक्त होने पर भी कुछ समय तक लक्षण बने रह सकते हैं।
लक्षणों को पहचानें
टाइफाइड के लक्षणों में प्रारंभिक तेज बुखार होना है। शुरू में यह हल्का होता है और धीरे-धीरे तेज होता जाता है। टाइफाइड संक्रमण में बच्चों को भूख नहीं लगती, जिसके कारण बच्चे खाना खाना और दूध पीना बंद कर देते हैं। इस संक्रमण में गले में खराश भी रहती है, जो गंभीर खांसी में भी बदल सकती है। बच्चों में संक्रमण होने पर उनका वजन तेजी से घट भी सकता है। बच्चे का पेट खराब हो सकता है और पेट में तेज दर्द भी हो सकता है। बच्चे कीत्वचा पर रैशेज हो सकते हैं और गुलाबी धब्बे भी बन सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ। राकेश कुमार गुप्ता बताते हैं कि बच्चों को टाइफाइड संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को स्वच्छ पानी पिलाएं। बच्चों को पानी उबालकर ठंडा करने के बाद दें। हाथों की सफाई का खास ध्यान रखें। बच्चों के हाथों को बार-बार धुलवाएं। बच्चों को बाहर का खाना न खाने दें। स्ट्रीट फूड से बच्चों को दूर ही रखें। इसके साथ ही बच्चों को अधपका या कच्चा फल न खाने दें।