भारत ने न्यूज़ीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने वाला 18वां FTA

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत ने सोमवार को न्यूज़ीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ताएं सफलतापूर्वक पूरी होने की घोषणा की। यह भारत का 18वां एफटीए है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मजबूत करना है। इस समझौते पर अगले तीन महीनों के भीतर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है और इसके अगले वर्ष से लागू होने की संभावना है।
2014 के बाद से भारत मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) सहित छह देशों और समूहों के साथ व्यापार समझौते कर चुका है। इसके अलावा जापान, कोरिया, ओमान और अन्य क्षेत्रों के साथ पहले से ही एफटीए लागू हैं। एफटीए के तहत देशों के बीच आयात-निर्यात पर सीमा शुल्क घटाया या समाप्त किया जाता है, गैर-शुल्क बाधाओं को आसान बनाया जाता है और निवेश व सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
भारत-न्यूज़ीलैंड एफटीए के तहत कपड़ा, प्लास्टिक, चमड़ा और इंजीनियरिंग उत्पादों सहित सभी भारतीय वस्तुएं न्यूज़ीलैंड में शून्य शुल्क पर प्रवेश करेंगी। न्यूज़ीलैंड ने अगले 15 वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का वादा किया है। इसके साथ ही आईटी, पेशेवर सेवाएं, शिक्षा, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन और निर्माण जैसे भारतीय सेवा क्षेत्रों को भी बड़े पैमाने पर बाजार पहुंच मिलने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत एक अस्थायी रोजगार प्रवेश वीज़ा (टेम्पररी एम्प्लॉयमेंट एंट्री वीज़ा) भी शुरू किया जाएगा, जिससे कुशल श्रेणियों में 5,000 भारतीय पेशेवरों को न्यूज़ीलैंड में तीन साल तक काम करने की अनुमति मिलेगी।
भारत इस समय अमेरिका, यूरोपीय संघ, चिली, पेरू और इज़राइल सहित कई अन्य देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। यह वैश्विक व्यापार का विस्तार करने और विदेशों में कुशल रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में भारत के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है।

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