मादक पदार्थ कारोबारियों के घर तक तोड़े गए हैं: के गृहमंत्री जी
बेलगावी{ गहरी खोज }: कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थ माफिया के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें नशे के कारोबार में शामिल विदेशी नागरिकों से जुड़ी संपत्तियों को ध्वस्त करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह कदम राज्यभर में मादक पदार्थ तस्करी पर अंकुश लगाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य के. अब्दुल जब्बार के बेंगलुरु, दावणगेरे और तटीय जिलों में बढ़ते मादक पदार्थ खतरे संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री ने बृहस्पतिवार को बताया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी नागरिक इस अवैध कारोबार में शामिल पाए गए हैं। मंत्री ने कहा, “अफ्रीकी देशों से कई विदेशी छात्र कर्नाटक आए हैं। वे मादक पदार्थ के धंधे में शामिल हैं। हम उन्हें पकड़ते हैं और मामला दर्ज करते हैं। लेकिन वे चाहते हैं कि मामला दर्ज हो, क्योंकि एक बार मामला दर्ज हो जाए तो उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने बताया कि आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद करीब 300 लोगों को देश से प्रत्यर्पित किया गया है।
परमेश्वर ने कहा कि अधिकारी प्रत्यर्पित किए गए लोगों पर भी नजर रख रहे हैं और ऐसे स्थानीय संपत्ति मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं जो इन लोगों को किराये पर मकान देते हैं। उन्होंने कहा, “हमने उस किराये की इमारत तक को गिरा दिया है जिसमें वे रहते थे।”
मंत्री ने कहा कि सरकार ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर रिकॉर्ड मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए हैं और राज्य में सक्रिय नेटवर्क को तोड़ने के लिए आक्रामक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आने के बाद सख्त कदम उठाए गए। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा है कि हम कर्नाटक को मादक पदार्थ से मुक्त राज्य बनाएंगे। पिछले ढाई साल में विभाग ने हजारों किलो मादक पदार्थ जब्त किए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हमने मादक पदार्थ के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है।”
परमेश्वर ने स्वीकार किया कि बेंगलुरु में नशा अब भी कई स्रोतों—विदेशों, अन्य राज्यों, पार्सलों और स्थानीय निर्माण—से पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “कार्रवाइयों के बावजूद यह जारी है, लेकिन हम इसे चलने नहीं देंगे। कर्नाटक को मादक पदार्थ से मुक्त बनाने तक लड़ाई जारी रहेगी।”
