सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान: अनुराग ठाकुर

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तमिलनाडु की डीएमके सरकार में हिंदुओं और सनातन धर्म के खिलाफ बढ़ते भेदभाव के माहौल पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने मदुरै की उस घटना का उल्लेख किया, जिसमें हिंदू भक्तों पर तमिलनाडु पुलिस ने इसलिए बेरहमी से लाठीचार्ज किया क्योंकि वे भगवान मुरुगन के छह घरों में से एक, पवित्र थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर पारंपरिक कार्तिगई दीपम जलाने की मांग कर रहे थे।
लोकसभा में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “डीएमके के राज में तमिलनाडु बदकिस्मती से सनातन धर्म के खिलाफ एक सिंबल बन गया है। तमिलनाडु सरकार के मंत्री खुलेआम सनातन धर्म के खिलाफ गलत बयान देते हैं। जब प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा की तो डीएमके सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया।”
उन्होंने कहा कि “मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम जलाने की इजाज़त देने के साफ निर्देशों के बाद भी राज्य सरकार ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश को नज़रअंदाज़ किया। सदियों पुरानी परंपरा बनाए रखने के लिए इकट्ठा हुए शांतिप्रिय हिंदू भक्तों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यह सिर्फ धार्मिक भावनाओं पर हमला नहीं बल्कि कोर्ट की खुली अवमानना ​​और संविधान के तहत मिले धर्म की आज़ादी के बुनियादी अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।” अनुराग ठाकुर ने सवाल किया कि हिंदुओं के साथ उनके ही देश में इतना खुला भेदभाव क्यों किया जा रहा है? क्या तमिलनाडु में अब अपने धर्म का पालन जुर्म है?”
अनुराग ठाकुर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके सरकार से देशभर के करोड़ों हिंदू भक्तों से तुरंत माफ़ी मांगने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से तमिलनाडु में हिंदू परंपराओं पर हो रहे सुनियोजित अत्याचार का संज्ञान लेने और भारत के हर कोने में हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की।

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