ऑफिस में किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो तुरंत करें ये काम: हार्ट सर्जन
लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: ऑफिस में काम करते वक्त, कहीं सफर करते वक्त, पार्टी में नाचते वक्त या कहीं भी आसपास किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप सावधानी और सूझबूझ से मरीज की जान बचा सकते हैं। जी हां जब तक कोई मेडिकल हेल्प नहीं मिलती कुछ देर के लिए मरीज की जान बचाने का काम आप खुद भी कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको डॉक्टर की बताई कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसके अलावा सीपीआर देने की तकनीक आपको जरूर पता होनी चाहिए। अपने स्मार्ट फोन में एक बार आपको सीपीआर देने की वीडियो जरूर देखनी चाहिए। जिससे जरूरत पड़ने पर आप किसी की जान बचा सकें।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन, डॉक्टर अशोक सेठ ने बताया हार्ट अटैक आने पर कैसे सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। डॉक्टर ने बताया कि अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो तुरंत क्या करना चाहिए, जिससे मरीज की जान बचाई जा सके।
पहला काम- सबसे पहले अगर किसी को आपके सामने हार्ट अटैक आया है तो उसकी सांस चेक करें। सांस आ रही है या नहीं अगर 15 सेकंड हो गए हैं और सांस नहीं आ रही है तो सबसे पहला काम है मेडिकल हेल्प बुलाने का, किसी भी नजदीकी अस्पताल में फोन करें और तुरंत एंबुलेंस बुलाने के लिए किसी दूसरे को कहें।
दूसरा काम- अगर हार्ट अटैक कुर्सी पर बैठे हुए, कहीं लेटे हुए या चलते फिरते हुए आया है तो मरीज को सबसे पहले सीधे किसी समतल और हार्ड फ्लोर पर लिटा दें। सबसे अच्छा होगा कि मरीज को तुरंत जमीन पर लिटाएं दें।
तीसरा काम- अब सीपीआर देने के लिए अपने हाथों की पोजिशन लें। इसके लिए एक हाथ को खोलें और उसकी उंगलियों में दूसरे हाथ की उंगलियों को डालें और दूसरे हाथ की उंगलियों को अंदर की ओर फोल्ड कर लें। जैसे सीपीआर देने के लिए हाथों की पोजिशन होती है वैसे ही हाथ रखने हैं। अब सीने के बीच में और जहां हार्ट होता है यानि लेफ्ट साइड में अपनी हथेली से दबाना है। आपको इतना तेज दबाना है कि छाती 2 इंच अंदर की ओर जाए और ऊपर आए। ऐसा करने से रिब्स टूट सकती है दर्द हो सकता है, लेकिन काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है। हार्ट को कंप्रेस करने के लिए आपको 100 से 120 पर मिनट दबाना है। यानि 1 सेकंड में आपको 2 बार ऐसे दबाना है।
चौथा काम- सीपीआर देते वक्त हाथों की पोजिशन का ख्याल रखें। यानि आपके हाथ एकदम सीधे होने चाहिए। कोहनी से मुड़ने नहीं चाहिए। आपके कंधे मरीज के सीने के ऊपर आ रहे हों और आपको ऐसा करते रहना है। जब तक आपको मेडिकल हेल्प नहीं मिलती आप ऐसा कर सकते हैं। इससे 8-10 मिनट तक मरीज की जान बचाई जा सकती है। क्योंकि हार्ट के ऊपर प्रेशर पड़ने की वजह से शरीर में सर्कुलेशन चल रही है।
पांचवां काम- एक और अहम बात ये है कि आपको पता होना चाहिए आजकल एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल और कई ऑफिस में डिफिब्रिलेटर मशीन भी मौजूद होती हैं। इसे सीखने की जरूरत नहीं होती। उस पर निर्देश साफ लिखे होते हैं कि कैसे इस्तेमाल करना है। जब तक मेडिकल हेल्प नहीं मिलती आप खुद ही शॉक देकर मरीज को उस स्थिति से निकाल सकते हैं।
