वेस्टइंडीज को हार से बचाने के बाद ग्रीव्स ने इसे अपने करियर का सबसे खास दिन

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क्राइस्टचर्च{ गहरी खोज }:वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर जस्टिन ग्रीव्स ने हैगले ओवल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में अपनी टीम को हार से बचाने के बाद इसे अपने करियर का बहुत खास दिन बताया। ग्रीव्स ने नाबाद 202 रन बनाकर चौथी पारी में टीम को ऐतिहासिक ड्रॉ दिलाया।
न्यूज़ीलैंड द्वारा दिए गए 531 रनों के विशाल लक्ष्य के जवाब में वेस्टइंडीज ने 163.3 ओवर बल्लेबाज़ी की। ग्रीव्स (202* रन, 388 गेंद) और केमार रोच (58* रन, 233 गेंद) ने सातवें विकेट के लिए 180 रनों की अविजित साझेदारी कर टीम को संभाला। यह टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी चौथी पारी (457/6) में से एक रही, इंग्लैंड के 1939 में बनाए 654/5 के बाद।
ग्रीव्स ने कहा, “ये दिन बेहद खास है, मेरे लिए और टीम के लिए। ड्रेसिंग रूम में हमारी एक ही सोच थी- धैर्य। कोच ने कहा था कि क्रीज़ पर टिककर खेलो, पिच अच्छी है। मैंने वही किया।” चौथी पारी में दोहरा शतक लगाने वाले ग्रीव्स टेस्ट क्रिकेट इतिहास में केवल सातवें बल्लेबाज़ बन गए हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। उनके साथ रोच ने भी अपने 86 टेस्ट के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली।
पांचवें दिन बेहद सपाट पिच पर रोच ने 233 गेंदों का सामना कर महत्वपूर्ण समर्थन दिया। ग्रीव्स ने बताया, “जब शाई होप आउट हुए तो हालात कठिन थे, लेकिन केमार ने अनुभवी खेल दिखाया और मुझे अंत तक साथ दिया।”
एक समय वेस्टइंडीज 72/4 पर संघर्ष कर रही थी, लेकिन शाई होप (140) और ग्रीव्स ने टीम को मज़बूती दी। हालांकि अंतिम सत्र में जीत की संभावना बनी हुई थी, लेकिन विकेट गिरने के बाद वेस्टइंडीज ने सुरक्षित ड्रॉ को प्राथमिकता दी। ग्रीव्स ने कहा, “हमारा लक्ष्य था कि अंतिम सत्र तक मैच ले जाएं। जीत के लिए 100 रन चाहिए थे, लेकिन प्रमुख विकेटों के गिरने से हमने ड्रॉ को सही फैसला समझा। यह ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनना शानदार है।”

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