मोदी सरकार में उप्र के लिए रेल बजट 18 गुना बढ़ा, 1,100 करोड़ से सीधे 19,800 करोड़ पहुंचा : रेल मंत्री

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार की तुलना में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए रेलवे बजट को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले उप्र के लिए मात्र 1,100 करोड़ रुपये का रेल बजट मिलता था, जबकि मौजूदा सरकार ने इसे 18 गुना बढ़ाकर 19,800 करोड़ रुपये कर दिया है। इसे उन्होंने प्रदेश में रेलवे विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
रेल मंत्री वैष्णव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के प्रश्नों के जवाब में कहा कि बजट में हुई इस भारी वृद्धि के कारण उत्तर प्रदेश में नई लाइनों, ट्रैक दोहरीकरण, स्टेशन पुनर्विकास, विद्युतीकरण और आधुनिक यात्री सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह वृद्धि केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उप्र के समग्र रेलवे विकास के प्रति केंद्र सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
वैष्णव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेलवे के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बजट में की गई बढ़ोतरी ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले उत्तर प्रदेश के लिए मात्र 1,100 करोड़ रुपये का रेलवे बजट होता था, जो अब बढ़कर लगभग 18 गुना यानी 19,800 करोड़ रुपये हो गया है। इसके परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में रेल अवसंरचना, स्टेशन पुनर्विकास, नई ट्रेन सेवाओं और ट्रैकों के विस्तार के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।
बलिया और बक्सर को दूसरे शहरों से जोड़ने वाली ट्रेन सेवाओं, स्टेशन नवीनीकरण तथा संबंधित क्षेत्रों के विकास को लेकर सदस्यों के प्रश्नों का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में रेलवे का अभूतपूर्व आधुनिकीकरण संभव हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि डेटा देखें तो यह बढ़ोतरी मात्र संख्या नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी हिस्सों में रेलवे विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
बलिया के विकास और ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा के दौरान रेल मंत्री ने सांसद के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बलिया से 82 ट्रेन सेवाएं संचालित हो रही हैं, जिसकी पूरी सूची राज्यसभा में प्रस्तुत की गई है। बलिया का नया स्टेशन पूरी तरह सांस्कृतिक थीम पर पुनर्निर्मित किया जा रहा है, जिसमें जिले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को डिजाइन में शामिल किया गया है।
रेल मंत्री ने कहा, “बलिया सच में सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों में से एक है। बलिया का योगदान भारत के इतिहास में विशेष है और इसीलिए यहां स्टेशन का नवीनीकरण स्थानीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण को शामिल करते हुए किया जा रहा है।”
एक अन्य प्रश्न के जवाब में बक्सर के पौराणिक महत्व का उल्लेख करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि भारत गौरव ट्रेन के अंतर्गत शुरू हुई पहली रामायण सर्किट ट्रेन में बक्सर पहुंचे यात्रियों का अनुभव अत्यंत अविस्मरणीय रहा। यात्रियों की इस भावनात्मक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए बक्सर स्टेशन का नवनिर्माण पूरी तरह पौराणिक थीम पर किया जा रहा है, ताकि इस स्थान की सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक महत्व यात्रियों तक प्रभावी रूप से पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों में रेलवे प्रोजेक्ट अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ अधिक सुरक्षित व सुगम रेल सेवाएं प्राप्त होंगी। मंत्री ने दावा किया कि चाहे स्टेशन पुनर्विकास हो या नई रेल लाइनों का निर्माण, मोदी सरकार में रेलवे प्रत्येक क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति कर रहा है।
लखीमपुर खीरी से जुड़े प्रश्न पर रेल मंत्री ने कहा कि सांसद द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को नोट कर लिया गया है और उनकी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, कुशीनगर के विकास और ट्रेन सेवाओं के विस्तार पर एक अन्य सदस्य के प्रश्न के जवाब में वैष्णव ने कहा कि कुशीनगर एक महत्वपूर्ण बौद्ध और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है और यहां से जुड़ी ट्रेन सेवाओं को बढ़ाने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। इस संबंध में पहले भी सांसद से विस्तृत चर्चा हो चुकी है और आगे भी उनके सुझाव और प्रस्तावों पर यथासंभव कार्रवाई की जाएगी। रेल मंत्री ने सदन को बताया कि बजट में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण उत्तर प्रदेश में नई रेल लाइनें, ट्रैक दोहरीकरण, विद्युतीकरण, स्टेशन पुनर्विकास, रूट डाइवर्जन और यात्री सुविधाओं के विस्तार जैसे अनेक प्रोजेक्ट गति पकड़ चुके हैं। वैष्णव ने बताया कि पूरे देश में रेलवे स्टेशनों का अत्याधुनिक रूप में नवीनीकरण किया जा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत सैकड़ों स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। नई तकनीकों, सुरक्षा प्रणालियों, आधुनिक ट्रेनों और लॉजिस्टिक कॉरिडोर के माध्यम से भारतीय रेलवे को भविष्य-उन्मुख बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है।

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