देश के ग्रोथ इंजन गुजरात की एक और उपलब्धि, राज्य में प्रति व्यक्ति आय पहली बार 3 लाख रुपये के पार

0
3cc527154869a75ec5ca6eff0361cdf4
  • गुजरात 8.42 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ बना शीर्ष राज्य

गांधीनगर{ गहरी खोज }: गुजरात की प्रति व्यक्ति आय पहली बार 3 लाख रुपये को पार कर गई है और राज्य ने आर्थिक प्रगति में नए मानदंड स्थापित किए हैं। इतना ही नहीं सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 8.2 फीसदी दर्ज की गई है, जिसमें गुजरात का मजबूत प्रदर्शन रहा है।
गुजरात के इस निरंतरतापूर्ण प्रदर्शन के कारण ही उसने भारत की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बरकरार रखा है, इसीलिए इसे भारत का ग्रोथ इंजन कहा जाता है। इसके साथ ही गुजरात ने कर्नाटक और तमिलानडु को भी पीछे छोड़ दिया है।
राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार गुजरात ने पिछले दशक में असाधारण वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2023-24 में 24.62 लाख करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) के साथ गुजरात ने अब महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के बाद भारत की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लिया है।
इस वृद्धि को सटीक तौर पर समझने के लिए दीर्घकालिक प्रदर्शन को वास्तविक दृष्टि यानी स्थित कीमतों पर मापा जाता है। यह मुद्रा स्फीति के प्रभाव को दूर करता है और उत्पादन एवं आर्थिक गतिविधियों में वास्तविक वृद्धि को दर्शाता है। इस आधार पर, गुजरात ने वर्ष 2012-13 से 2023-24 की अवधि के दौरान 8.42 फीसदी की औसत वृद्धि दर हासिल की है, जो 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की अर्थव्यवस्था वाले सभी बड़े राज्यों में सबसे अधिक है। इसके साथ ही गुजरात ने कर्नाटक (7.69 फीसद) और तमिलानडु (6.29 फीसद) को भी पीछे छोड़ दिया है।
ऐसे समय में जब बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आम तौर पर संरचनात्मक संतृप्ति (स्ट्रक्चरल सेचुरेशन) के कारण सुस्त पड़ जाती हैं, गुजरात अपने मजबूत औद्योगिक आधार, निवेश-अनुकूल माहौल, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और कुशल नीतियों के कारण विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है।
जीएसडीपी के नए आंकड़ें यह बताते हैं कि गुजरात की अर्थव्यवस्था विभिन्न क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के कारण तेजी से बदल रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 2023-24 में 7.43 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीएसवीए) का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन और यूटिलिटी क्षेत्र का योगदान 2.31 लाख करोड़ रुपये और व्यापार, परिवहन, वित्तीय सेवाओं और रीयल एस्टेट जैसे क्षेत्रों का योगदान 7.81 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं, कृषि, वन और मत्स्यपालन जैसे पारंपरिक क्षेत्रों ने 3.69 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया, जिससे राज्य का समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है।
कुल मिलाकर स्थिर मूल्यों पर गुजरात का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2011-12 में 6.16 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 24.62 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक दशक में लगभग चार गुनी वृद्धि दर्शाता है। गौरतलब है कि गुजरात 3,00,957 रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ भारत की शीर्ष पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। यह आंकड़ा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से अधिक है, जो राज्य की उच्च श्रम उत्पादकता और व्यापक आर्थिक भागीदारी को दर्शाता है। मजबूत दीर्घकालिक विकास, उच्च प्रति व्यक्ति आय और लगातार बढ़ते आर्थिक आधार के साथ गुजरात सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन गया है। 8.42 फीसद की वास्तविक वृद्धि दर के साथ गुजरात सुशासन, लचीलेपन और रणनीतिक कार्यान्वयन के एक मॉडल के रूप में उभरा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *