भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता स्वराज काैशल का निधन : ओम बिरला

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के पिता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति व वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का गुरुवार को 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह मिजोरम के राज्यपाल एवं राज्यसभा सांसद के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके थे। आज शाम उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए कहा कि पापा स्वराज कौशल, आपका स्नेह, आपका अनुशासन, आपकी सरलता, आपका राष्ट्रप्रेम और आपका अपार धैर्य मेरे जीवन की वह रोशनी हैं जो कभी मंद नहीं होगी। अपने भावुक संदेश में उन्होंने लिखा कि उनका जाना जीवन की सबसे गहरी पीड़ा है, लेकिन विश्वास है कि वे अब सुषमा स्वराज के साथ ईश्वर के सान्निध्य में हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वराज कौशल को न्याय, लोकतंत्र और राष्ट्रसेवा का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका सरल और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व सदैव स्मरणीय रहेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्वराज कौशल ने अभूतपूर्व निष्ठा से राष्ट्र सेवा की और कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान ने समाज और न्याय व्यवस्था को मजबूती दी।
उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने उन्हें बुद्धिमान, गर्मजोशी से भरे और सार्वजनिक जीवन को समर्पित व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि स्वराज कौशल का निधन एक बड़ी क्षति है। मिजोरम के राज्यपाल जनरल वीके सिंह ने कहा कि स्वराज कौशल के निधन की खबर अत्यंत दुखद है और उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को धैर्य देने की प्रार्थना की। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वराज कौशल को स्नेहिल, शांत और विद्वतापूर्ण व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि जनसेवा और न्यायप्रियता में उनका योगदान अनुकरणीय है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि स्वराज कौशल का सार्वजनिक जीवन और विधि क्षेत्र में योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने बांसुरी स्वराज और परिवार के प्रति संवेदना जताई। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि स्वराज कौशल ने अद्वितीय निष्ठा से राष्ट्र और समाज की सेवा की और ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की। भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी उनके निधन को अत्यंत दुःखद बताते हुए परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।
उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई, 1952 को जन्में स्वराज कौशल को साल 1990 में मात्र 37 वर्ष की आयु में मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, जिससे वे देश के इतिहास में सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने। वे 1990 से 1993 तक इस पद पर रहे। इसके बाद 1998 से 2004 तक वे हरियाणा से राज्यसभा सांसद रहे। कानून के क्षेत्र में भी उनका प्रभाव उल्लेखनीय रहा और उच्चतम न्यायालय में वे एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कई महत्वपूर्ण व संवेदनशील मामलों में पक्ष रखते रहे।
पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली के लिए किए गए उनके प्रयास काे ऐतिहासिक माना जाता हैं। वे मिजो शांति समझौते के प्रमुख सूत्रधार रहे। मिजोरम में शांति स्थापना के कारण उन्हें व्यापक रूप से ‘हीरो’ के रूप में देखा जाता है।
स्वराज कौशल और सुषमा स्वराज का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही प्रेरक रहा। दोनों की मुलाकात 1975 में इमरजेंसी के दौरान हुई जब वे युवा वकीलों के रूप में जॉर्ज फर्नांडिस की कानूनी टीम में साथ काम कर रहे थे। पेशे से जुड़ी इस नजदीकी ने धीरे-धीरे एक दूसरे के प्रति विश्वास और प्रेम का रूप ले लिया। अलग-अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने परिवार की सहमति के साथ 13 जुलाई, 1975 को विवाह किया। इस विवाह को जयप्रकाश नारायण ने भी आशीर्वाद दिया था।

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