मप्र में पहली बार एक साथ 15 वर्ष पुरानी 135 बसों के परमिट निरस्त

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इंदौर{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश के इंदौर संभाग के अन्तर्गत स्टेज कैरिज परमिट पर आच्छादित 15 वर्ष से अधिक पुरानी 135 यात्री बसों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। इंदौर संभागायुक्त एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार डॉ. सुदाम खाडे द्वारा शनिवार देर शाम उक्त 135 यात्री बसों में से 73 यात्री बसों को जारी स्थाई परमिट निरस्त किये गये है, शेष 62 यात्री बसों के परमिट निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है जो आगामी कार्यालयीन दिवस में निरस्त किये जाएंगें। उक्त कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी। मप्र में यह बार है, जब इतनी संख्या में बसों पर एक साथ परमिट निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
जनसम्पर्क अधिकारी महिपाल अजय ने बताया कि प्रदेश के परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह द्वारा इस सबंध में निर्देश जारी किये गए हैं कि स्टेज कैरिज परमिटों पर 15 वर्ष से अधिक पुरानी यात्री बसों का संचालन नहीं किया जायेगा। इन्हीं निर्देशों के परिपालन में इंदौर संभाग में 135 बसें पाई गई थी, जिनके स्थाई परमिट वैध है। ऐसी संभावना थी कि उक्त बसें विभिन्न मार्गों पर संचालित हो रही होगी। वाहन स्वामियों/परमिट धारकों को इस शर्त के अधीन परमिट स्वीकृत किया गया था कि परमिट पर किसी भी समय 15 वर्ष से अधिक पुरानी वाहन का संचालन नहीं किया जायेगा। वाहन स्वामियों को नोटिस जारी कर एवं सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर उक्त स्थाई परमिटों पर अद्यतन मॉडल की वाहन प्रतिस्थापन कराने हेतु निर्देशित किया गया, किन्तु वाहन स्वामियों द्वारा समयावधि में अद्यतन मॉडल की वाहने प्रतिस्थापन नहीं कराई गई। संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे द्वारा उक्त 135 यात्री बसों में से 73 यात्री बसों को जारी स्थाई परमिट निरस्त किये गये है, शेष 62 यात्री बसों के परमिट निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
गौरतलब है कि कलेक्टर शिवम वर्मा द्वारा बस ऑपरेटरों की बैठक आयोजित कर स्टेज कैरिज परमिट पर 15 वर्ष से अधिक पुरानी वाहनों का संचालन न किये जाने के संबंध में निर्देशित किया गया था। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, इन्दौर संभाग, इन्दौर द्वारा गत 04 नवम्बर 2025 को स्थाई अनुज्ञा स्वीकृति हेतु प्राप्त 398 आवेदनों की सुनवाई की गई, उक्त आवेदनों का बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है, जिसमें 15 वर्ष से अधिक पुरानी वाहनों के आवेदन निरस्त किये जाएंगे एवं उन्हीं आवेदकों को परमिट स्वीकृत किये जाएंगे। जिनकी वाहनें पूर्व से ही प्रस्तावित समयचक्र पर संचालित हो रही है। अनावश्यक प्रतिस्पर्धा वाले समयचक्र पर प्रस्तुत आवेदनों को निरस्त किया जायेगा।
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश की सड़कों पर 21 साल बाद एक बार फिर सरकारी बसें चलने वाली है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन योजना के अन्तर्गत सरकार ने यात्री परिवहन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कम्पनी बनाई है, जो प्रदेश में बसों का संचालन करेगी, जिसकी शुरुआत आगामी अप्रैल 2026 से आर्थिक राजधानी इन्दौर से की जाएगी। बसों के रूट का निर्धारण किया जा चुका है, जिस पर निजी ऑपरेटरों की बसें संचालित होगी। सरकार और निजी ऑपरेटरों के बीच एक कॉन्ट्रेक्ट होगा, जिससे पूरी व्यवस्था सरकार की निगरानी में रहेगी। उक्त योजना में भी अद्यतन मॉडल की वाहनों को प्राथमिकता दी जायेगी। इससे प्रदेश वासियों को सुगम एवं सुरक्षित परिवहन सेवा प्राप्त होगी।

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