डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल, लाैट रहे मरीज

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बांदा{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में मंडल मुख्यालय स्थित राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि अस्पताल पूरी तरह डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। पूरे अस्पताल का संचालन केवल एक महिला चिकित्सक के भरोसे चल रहा है। पुरुष डॉक्टर न होने से दूर-दराज़ से आने वाले पुरुष मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। कई मरीज अपनी समस्या महिला डॉक्टर को बताने में असहज महसूस करते और निराश होकर वापस लौट जाते हैं। मजबूरी में उन्हें निजी चिकित्सकों के यहां जाना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल परिसर में स्थित इस होम्योपैथिक अस्पताल में मरीजों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोग होम्योपैथिक उपचार को प्राथमिकता देने लगे हैं। सुबह से ही अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग जाती है और प्रतिदिन सौ से अधिक मरीज यहां पहुंचते हैं। अस्पताल में सीनियर एमओ डॉ. मनोज सिंह गौर और डॉ. श्वेता यादव की तैनाती थी। लेकिन तीन माह पहले डॉ. मनोज सिंह को गोरखपुर संबद्ध कर दिया गया। तब से अब तक किसी भी पुरुष डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई है। पुरुष डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण विशेष रूप से गुप्त रोग से पीड़ित मरीज इलाज के बिना लौटने को मजबूर हैं।
मरीजों ने बताया कि पहले उन्हें पुरुष डॉक्टर से इलाज मिला और आराम भी था, लेकिन अब डॉक्टर न होने से फिर से बीमारी बढ़ रही है। कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में डीएचओ डॉ. संतोष सोनी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

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