खुले में शराब पी तो होगी कार्रवाई, जुर्माना और हो सकती है जेल

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शिमला{ गहरी खोज }: जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सड़क किनारे, पार्कों, बाजारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शराब पीते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने शनिवार को एक बैठक में कहा कि एक्साइज एक्ट की धारा 46 के तहत ऐसे लोगों पर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और इसके अलावा तीन महीने तक की जेल का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपायुक्त की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तरीय एन-कोर्ड समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य नशीले पदार्थों से मुक्त समाज का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि अभियान में स्कूल, कॉलेज, संस्थान, पंचायतें, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक सभी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर सूचना प्रणाली को मजबूत बनाना आवश्यक है ताकि नशे के कारोबार में शामिल लोगों की जानकारी तुरंत जांच एजेंसियों तक पहुंच सके। नशा निवारण कमेटियों के माध्यम से जागरूकता और रोकथाम का कार्य तेज करने पर भी जोर दिया गया।
बैठक में बताया गया कि यदि कोई बैंक्वेट हॉल, पार्टी लॉन, मैरिज पैलेस, धर्मशाला या अन्य वाणिज्यिक परिसर बिना L-50B लाइसेंस के मदिरा परोसते पाए गए, तो उन पर पहली बार 50 हजार, दूसरी बार 75 हजार और तीसरी व प्रत्येक बार 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह यदि L-3, L-4, L-5 आदि लाइसेंसधारी अपनी परिसर सीमा से बाहर बिना L-6A लाइसेंस के शराब परोसते हैं तो उन पर पहले अपराध पर 20 हजार, दूसरे पर 35 हजार और तीसरे अपराध पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। चौथा अपराध होने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
बैठक में ड्रग ट्रैफिकिंग रोकथाम, अवैध चूरा-पोस्त व गांजा खेती की निगरानी, युवाओं और छात्रों में जागरूकता बढ़ाने, ड्रग डिटेक्शन उपकरणों की आवश्यकता और नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के निरीक्षण पर भी विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही NDPS एक्ट व इंटीग्रेटेड ड्रग प्रिवेंशन पॉलिसी 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन तथा मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन को मजबूत करने पर भी बल दिया गया।

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