विजेताओं का एक जैसा सम्मान होना चाहिए
संपादकीय { गहरी खोज }: देश के खिलाड़ी चाहे वह पुरुष हो महिला हो, जब भी किसी इंटरनेशनल खेल में विश्वविजेता बनकर देश आते हैं तो देश का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ाने वाले खिलाड़ियों का पूरे देश को एक जैसा सम्मान करना चाहिए। चाहे दिल्ली हो या राज्य राजधानी हो उनका सम्मान किया जाना चाहिए और उनको यह एहसास नहीं होने देना चाहिए कि दूसरे विश्वविजेता खिलाड़ियों से उनका सम्मान कम किया गया है।
क्रिकेट महिला हो या क्रिकेट ब्लाइंड महिला हो या कबड्डी हो,इसका विश्वकप जीतना बड़ी उपलब्धि है। देश के लिए गौरव की बात है। हमारे देश की बेटियों ने एक माह के भीतर तीन विश्वकप जीतकर साबित किया है कि आज भारत की महिलाएं भी विश्वकप जीत सकती है। वह भी एक माह के भीतर तीन तीन विश्वकप। ऐसा तो आज तक पुरुष खिलाडियों ने भी शायद ही कभी किया हो।
सबसे पहले टी-२० महिला विश्वकप देश की महिला टीम ने जीता। यह एक सपना था जिसे महिला क्रिकेट खिलाडियों ने पूरा किया। इसके लिए उनका पूरे देश में सम्मान किया गया। उनको पुरुष खिलाडियों के भी ज्यादा पैसे मिले। विश्वकप जीतने पर ४० करोड़ तो आईसीसी से मिले, ५१ करोड़ बीसीसीआई ने दिया। इसके अलावा राज्यों के सीएम ने भी एक करोड से लेकर दो ढाई करोड़ देने की घोषणा उसी दिन कर दी थी। पीएम मोदी ने उनको मिलने बुलाकर उनको बधाई दी थी।
इसके बाद महिला कबड्डी टीम ने बांग्लादेश में आयोजित विश्वकप में चीनी ताइपे को हराकर दूसरा विश्वकप जीता। इसके बाद ब्लाइंड टी-२० विश्व कप भारत की महिला टीम ने जीता। उसने नेपाल को हराकर यह कप जीता। देश की महिलाओं ने तीस दिन के भीतर तीन विश्वकप जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है, अफसोस है कि पहला महिला विश्वकप जीतने पर देश के लोगों ने जैसा उत्साह दिखाया वैसा और दो विश्वकप जीतने वाली महिला टीमों के प्रति नहीं दिखाया है। न तो उनका दिल्ली में स्वागत किया गया और न ही राज्य की राजधानियों में उनका सम्मान किया गया।
महिला विश्व कप जीतने वाली खिलाड़ियों को करोड़ो रूपए विश्वकप जीतने पर मिले हैं तो महिला कबड्डी व महिला ब्लाइंड क्रिकेट खिलाडि़यों को भी लाखों रुपए पुरस्कार देने की घोषणा राज्य सरकारे तो कर ही सकती है। जिस राज्य की जो खिलाडी़ है, उस राज्य सरकार को उत्साहित होकर महिला खिलाड़ियो को पुरस्कार देने की घोषणा करनी चाहिए ताकि उनको न लगे कि महिला क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह उनका सम्मान नहीं किया गया,उनको पैसा उतना नहीं दिया गया।
पीएम मोदी विश्व कप जीतने वाली महिला टीम को अपने यहां बुलाकर उनको बधाई दी थी। बधाई तो पीएम मोदी नेे कबड्डी टीम म महिला ब्लाइंड महिला किकेट टीम को भी दी है लेकिन वह इंतजार कर रही हैं को पीएम कब उनको मिलने के लिए अपने घर बुलाएंगे। पीएम को उनको भी अपने घर बुलाना चाहिए और यह एहसास नहीं होने देना चाहिए कि पीएम ने उनको अपने घर नहीं बुलाया, घर में बधाई नहीं दी। इस बार पीएम ने महिला ब्लाइंड खिलाडि़यों की टीम को अब तक नहीं बुलाया तो राहुल गांधी ने मौके का फायदा उठाकर उनको बुलाकर उनको बधाई दी है। यह अच्छी शुरुआत है भले ही देर से शुरु की गई है।
