‘लोगों के खिलाफ बड़ी साज़िश’: अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया पर साधा निशाना

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लखनऊ{ गहरी खोज }:समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर एक बार फिर कड़ा हमला करते हुए कहा कि यह देश के लोगों के खिलाफ “एक बड़ी साज़िश” है, जो नागरिकों को “औपनिवेशिक युग से भी बुरी स्थिति” में धकेल सकती है। यादव ने गुरुवार शाम अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल पर SIR प्रक्रिया से जुड़ा 20 सेकंड का वीडियो साझा किया और विपक्षी दलों—यहां तक कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों—से भी अपील की कि वे “एकजुट होकर बीजेपी की इस महा-साज़िश का पर्दाफाश करें।”
मतदाता सूची संशोधन को लेकर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र के साथ धोखा है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए। आज वोट काटे जा रहे हैं, कल जमीन के कागज़ों, राशन कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, आरक्षण और बाद में मध्यवर्ग के बैंक खातों और लॉकरों से भी नाम हटाए जाएंगे।” एक विस्तृत पोस्ट में SP प्रमुख ने लिखा, “यह देश के लोगों के खिलाफ एक बड़ी साज़िश है, जो औपनिवेशिक युग से भी खराब स्थिति पैदा करेगी। यह जागने और हर एक वोट की रक्षा करने का समय है।” पूर्व उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी का समर्थन करने वाली पार्टियां “सबसे पहले खत्म की जाएंगी” और नागरिकों से अपील की कि वे “सब कुछ छोड़कर SIR के नाम पर हो रहे इस धोखे को रोकें।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी, उसके सहयोगी, राज्य सरकार और चुनाव आयोग के “कुछ भ्रष्ट अधिकारी” पूरे चुनावी तंत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यादव ने कहा, “आइए हम एकजुट हों—बीजेपी नेताओं और उनके साथियों द्वारा की जा रही खुली लूट से देश को बचाने के लिए, और अपने वोट से व्यक्त होने वाली अपनी पहचान की रक्षा के लिए। नहीं तो कल ये लोग हमें ही बाहरी घोषित कर देंगे।”
SIR प्रक्रिया नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही है। चुनाव आयोग (EC) ने कहा कि उसके बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) ने घर-घर जाकर अर्ध-भरे हुए प्रपत्र मतदाताओं को दिए हैं और आवश्यक दस्तावेज़ भरने में उनकी मदद भी कर रहे हैं।

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