नस्य थेरेपी के फायदे और करने का तरीका, प्रदूषण में असरदार, गंदी हवा को फेफड़ों में जाने से पहले ही कर देगी फिल्टर

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }:वायु प्रदुषण के प्रभाव को कम करने के लिए नस्य थेरेपी एक बहुत ही कारगर आयुर्वेदिक थेरेपी है। इसके जरिए आपके नाक में मौजूद दूषित पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। अगर आप नाक में नियमित रूप से घी या तेल डालते हैं तो यह ये नेचुरल फिल्टर का काम करता है और फेफड़े तक जाने वाली हवा में मौजूद हानिकारक कणों को अंदर जाने से रोकता है। ये कण नाक में ही चिपक जाते हैं जिसे आसानी से साफ करके बाहर निकाला जा सकता है। आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा ने बताया पंचकर्मा में नस्य थेरेपी कितनी असरदार है और इसे कैसे कर सकते हैं।

नस्य थेरेपी के फायदे
धूल मिट्टी और गंदगी बाहर- नस्य थेरेपी एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है जिसमे नाक को साफ करने के लिए उसमें तेल या घी डाला जाता है। इसकी मदद से आपके नाक में जमी धूल या गंदगी को बाहर निकाला जाता है। सांस के जरिए शरीर में पहुंचने वाले अशुद्ध कणों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

फेफड़ों तक शुद्ध हवा ले जाना- जब आप सांस लेते हैं तो वायु में मौजूद अशुद्ध कण भी आपकी नाक में प्रवेश करते हैं और फिर नासिका मार्ग से यही हवा आपके फेफड़े में जाती है लेकिन अगर आप नस्य थेरेपी का प्रयोग करते हैं तो वायु में उपस्थित अशुद्ध कण नाक में ही रुक जाता है और शुद्ध हवा फेफड़े तक चली जाती है।

श्वशन तंत्र को मजबूती देना- नस्य थेरेपी आपके नाक में उपस्थित श्लेष्मा झिल्ली को मजबूती प्रदान करती है। जो हवा को शुद्ध करने का काम करती है। प्रदूषण में रहने वाले लोगों को इसे जरूर अपनाना चाहिए।

सूजन में कमी- नस्य थेरेपी की मदद से नासिका मार्ग में होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। इससे वायु प्रदूषण का प्रभाव कम हो जाता है।

अगर आप वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए नस्य थेरेपी का प्रयोग करना चाहते हैं तो पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें। वह आपको बताएंगे कि आपको इस प्रक्रिया में किस तेल या घी का प्रयोग करना चाहिए और इसे अत्यधिक प्रभावी बनाने के कैसे करना चाहिए।

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