सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा: स्वामी रामदेव

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: चलते-चलते गिरते लोग’, ‘धड़कन का अचानक रुक जाना’ और ‘एक लम्हे में जिंदगी का पलट जाना’। ये सिर्फ हादसे नहीं हैं, ये एक ‘खामोश खतरा’ है। जिसे ठंडी हवाएं और इस जहरीली फिजा ने मिलकर और बढ़ा दिया है। दिल..जो पूरी उम्र हमें संभाले रखता है, वही आज अपनी ही धड़कनें बचाने की जंग लड़ रहा है। लेकिन राहत की बात ये है कि..दिल की इस जंग को जीतने के तमाम उपाय हैं। पहला उपाय है कि सबसे पहले पूरी लंबाई मेजर कीजिए। इसे हाफ कर दीजिए। अब इससे बैली मेजर कीजिए। अगर ये ज्यादा है, तो तय मानिए आप शुगर+हाई बीपी और हार्ट प्रॉब्लम की गिरफ्त में आने वाले हैं। भले आपका बॉडी वेट आपके हाइट के हिसाब से हो। तो पहला स्टेप तुरंत अपने पेट पर चढ़े फैट को कम कीजिए।

दूसरा उपाय है अगर आप हफ्ते में सिर्फ 150 मिनट योग, वॉक, रनिंग या हल्की एक्सरसाइज कर लेते है तो हार्ट डिजीज का खतरा 25% कम हो जाता है और अगर ये 300 मिनट है तो 38% तक रिस्क कम है। मतलब ‘धड़कन को चलाए रखना है, तो शरीर को चलाना पड़ेगा’। वैसे दिल तब और मजबूत रहता है जब प्रॉपर नींद मिलती है। रात की 7-9 घंटे की नींद हार्ट डिजीज का खतरा 35% तक कम कर देती है। क्योंकि कम सोने से बीपी हाई होता है। बॉडी में इंफ्लेमेशन-टेंशन बढ़ती है और फिर वही हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ाता है। तो वहीं सिगरेट भी दिल की सबसे बड़ी दुश्मन है। ये ब्लड वेसल्स को जलाती है, ब्लड फ्लो को रोक देती है और हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो जाता है।

ऐसे में सलाद, हरी सब्जियां, फल, बीन्स, स्प्राउंट्स दिल के लिए ‘नेचुरल मेडिसिन’ की तरह काम करते हैं। 33% तक कोरोनरी हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है और ये चारों आदतें तब और जरुरी हो जाती है जब सर्दी और प्रदूषण का गठजोड़ हो। ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है। नसें सिकुड़ने लगती हैं और जब सांस लेने वाली हवा में जहर मिला हो तो कोलेस्ट्रॉल और भी तेजी से जमने लगता है। जिससे दिल पर डबल हमला होता है और यही वजह है कि ऐसे मौसम में ‘कार्डियक अरेस्ट’ का रिस्क अचानक बढ़ जाता है। ऐसे में चलिए स्वामी रामदेव से जानते हैं इस मौसम में हार्ट अटैक से कैसे बचा जाए।

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