अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने मंगल ग्रह की सतह पर एक रहस्यमयी चट्टान की पहचान
विज्ञान { गहरी खोज }:अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने मंगल ग्रह की सतह पर एक रहस्यमयी चट्टान की पहचान की है। यह चट्टान मंगल ग्रह की प्राकृतिक और भौगोलिक बनावट से बिल्कुल अलग दिखती है। वैज्ञानिकों ने इस 80 सेंटीमीटर लंबी चट्टान का नाम ‘फिप्साक्सला’ रखा है। फिलहाल, इस चट्टान को एलियन चट्टान कहा जा रहा है। इस चट्टान की पहचान 19 सितंबर को हुई थी। NASA के वैज्ञानिक NASA के पर्सिवियरेंस रोवर द्वारा भेजी गई इस चट्टान को देखकर हैरान हैं। रोवर जेज़ेरो क्रेटर के पास वर्नोडेन इलाके में चट्टानों की स्टडी कर रहा है। रोवर के मास्टकैम-Z कैमरे ने इस चट्टान की पहचान की और इसकी फोटो ली। NASA ने इस फोटो को एक ब्लॉग पोस्ट में शेयर किया। इसमें कहा गया कि फिप्साक्सला किसी दूसरे सोलर सिस्टम की हो सकती है।रिसर्चर्स का कहना है कि यह चट्टान एक छोटी डेस्क जैसी दिखती है। एक और थ्योरी यह है कि यह किसी उल्कापिंड के टकराने का नतीजा हो सकता है। क्यूरियोसिटी रोवर ने 2014 में दो मीटर चौड़े लेबनान उल्कापिंड और 2023 में काको उल्कापिंड की खोज की थी। उसके बाद, वैज्ञानिकों को जेज़ेरो क्रेटर में इसी तरह के मेटल मिलने की उम्मीद थी। NASA के रिसर्चर्स की एक टीम ने पिछले हफ़्ते चट्टान की बारीकी से जांच की। चट्टान का आकार, साइज़ और बनावट आस-पास के इलाके की चट्टानों से अलग है। पर्सिवियरेंस रोवर के सुपरCAM लेज़र और स्पेक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल करके एनालिसिस करने पर पता चला कि चट्टान में आयरन और निकेल की ज़्यादा मात्रा थी। ऐसे एलिमेंट्स मंगल की सतह पर बहुत कम मिलते हैं। आयरन-निकेल वाले उल्कापिंड, जो एस्टेरॉयड के कोर में बनते हैं, उनमें बहुत ज़्यादा होते हैं। NASA का अंदाज़ा है कि यह शायद किसी दूसरे सोलर सिस्टम से मंगल पर आया होगा।
