भारत के प्रौद्योगिकी बदलाव के लिए भरोसेमंद, जिम्मेदार एआई का इस्तेमाल जरूरी: गूगल इंडिया प्रमुख
नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत के प्रौद्योगिकी बदलाव के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का जिम्मेदारी तथा भरोसे के साथ इस्तेमाल बहुत जरूरी है और इस काम में शामिल सभी हितधारकों का दायित्व है कि वे सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करें। गूगल इंडिया की देश प्रबंधक प्रीति लोबाना ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने ‘विकसित भारत’ की ओर देश के कदम का जिक्र करते हुए कहा कि एआई इस सफर में एक जरूरी नींव का काम करेगा, और इसे बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए भरोसा और सुरक्षा जरूरी हैं। लोबाना ने यहां गूगल के ‘सेफ एंड ट्रस्टेड एआई’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘एआई को सच में अपनाने और रोजाना इस्तेमाल में लाने के लिए, हम सभी की यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि यह सुरक्षित और भरोसेमंद हो।’’ उन्होंने कहा कि एआई एक बदलाव लाने वाली प्रौद्योगिकी है जो इंसानी काबिलियत को सामने लाएगी, और भारत पीछे न रहते हुए इस क्रांति की अगुवाई कर रहा है। देश की विविधता का जिक्र करते हुए लोबाना ने कहा, ‘‘भारत की जटिलता दुनिया को यह दिखाएगी कि तकनीक कैसे बड़े पैमाने पर असर डाल सकती है और यहां तक कि सबसे मुश्किल प्रणालीगत मुद्दों को भी हल कर सकती है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई एक बड़ी छलांग का वादा करता है, लेकिन तरक्की भरोसे और सहयोग की नींव पर होनी चाहिए।
