शहीद हॉक फोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा का आज राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
भोपाल{ गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान में बहादुरी से मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए मध्य प्रदेश के बालाघाट में हॉक फोर्स में निरीक्षक आशीष शर्मा का आज गुरुवार को उनके पैतृक गांव नरसिंहपुर जिले के ग्राम बोहानी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए ग्राम बोहानी पहुंचेंगे। मध्य प्रदेश के बालाघाट में पदस्थ हॉक फोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा बुधवार को छत्तीसगढ़ के बोरतलाव- कुर्रेझर,के घने जंगलों में नक्सल-विरोधी अभियान एवं मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम के इस महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन में उन्होंने अदम्य साहस और असाधारण नेतृत्व का परिचय दिया। एसएसपी संदीप भूरिया ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर आज नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव लाया जाएगा। अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
जिला प्रशासन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. यादव पटना से वायुयान द्वारा दोपहर 2.25 बजे डुमना विमानतल जबलपुर पहुंचेंगे और यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा तहसील के ग्राम डमरूघाटी स्थित हेलीपेड के लिए आएंगे और दोपहर 3.10 बजे डमरूघाटी से कार द्वारा तेंदूखेड़ा विधानसभा के ग्राम बोहानी पहुंचकर शहीद आशीष शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पिक करेंगे।
नरसिंहपुर जिले के ग्राम बोहानीमें 21 फरवरी 1994 को जन्मे निरीक्षक आशीष शर्मा ने बीएससी के बाद 04 अप्रैल 2016 को मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं। उनकी मूल इकाई 25वीं वाहिनी विसबल, भोपाल रही। वर्ष 2018में वे प्रतिनियुक्त होकर हॉक फोर्स में सम्मिलित हुए और तभी से लगातार नक्सल-विरोधी अभियानों की अग्रिम पंक्ति में वे सक्रिय रहे। हर्राटोला मुठभेड़ में उनकी उल्लेखनीय भूमिका के आधार पर उन्हें उप निरीक्षक से निरीक्षक पद पर क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई। कर्तव्य पालन के दौरान उनकी असाधारण बहादुरी को दो बार वीरता पदक से भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें दुर्गम सेवा पदकतथा आन्तरिक सेवा पदक भी प्राप्त हुए। हर्राटोला, कदला और रौंदा (19 फरवरी 2025) जैसी अहम मुठभेड़ों में उनकी मुख्य भूमिका थी। उनका नेतृत्व, परिस्थितियों के आंकलन की क्षमता और जोखिम उठाने का संकल्प उन्हें बल की सक्रिय इकाइयों में विशेष पहचान दिलाता था।सेवा के दौरान उन्हें कई प्रशंसा, ईनाम आदेशों तथा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
निरीक्षक आशीष शर्मा संवेदनशील, अनुशासित एवं साहसी अधिकारी थे। टीम भावना, विनम्र व्यवहार, त्वरित निर्णय क्षमता और फील्ड में सक्रिय नेतृत्व ने उन्हें अपने साथियों के बीच उल्लेखनीय स्थान दिलाया। उन्होंने अपने आचरण और कार्यशैली से हॉक फोर्स के मूल्यों को और अधिक दृढ़ता और विशिष्टता भी प्रदान की। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय प्रयासों में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अमर रहेगा। मध्य प्रदेश पुलिस परिवार ने इस दुखद घड़ी में अपने वीर अधिकारी को श्रद्धापूर्वक नमन किया है और उनके पिता देवेंद्र शर्मा एवं अन्य परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ भी व्यक्त की है।
