नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन पीड़ितों को न्याय दिलाने में प्रभावी: मुख्यमंत्री फडणवीस

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  • नए आपराधिक कानूनों में दोषसिद्धि दर को 90 प्रतिशत तक बढ़ाने की क्षमता

मुंबई{ गहरी खोज }: नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन पीड़ितों को न्याय दिलाने में कारगर साबित हो रहा है। नए आपराधिक कानूनों में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को स्वीकार किया जा रहा है, यद्यपि ब्रिटिशकालीन आपराधिक कानून डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में साक्ष्य स्वीकार करने की अनुमति नहीं देते थे, फिर भी अपराध के कई आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो जाते थे, लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के कारण पीड़ितों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर न्याय मिल रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
मुंबई के आजाद मैदान में नए आपराधिक कानूनों पर आधारित पांच दिवसीय प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत पर शासन करने के लिए भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम तैयार किए थे। ये ऐसे कानून हैं, जो लगभग 125 से 150 साल पुराने हैं। इन कानूनों में भारत की प्रगति या यहां के पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने का कोई प्रावधान नहीं था। हालांकि, अब नए कानूनों के निर्माण से यह व्यवस्था बदल गई है । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अपराध दोषसिद्धि दर, जो 2013 में 9 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। इन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से निश्चित रूप से यह दर 90 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि साइबर अपराध एक नई चुनौती है। राज्य में देश की सबसे अच्छी साइबर लैब है। पिछले कुछ दिनों में 60 से अधिक लड़कियों को साइबर बदमाशी से बचाया गया है। न्याय सहायक मोबाइल वैन के माध्यम से पारदर्शी तरीके से साक्ष्यों का सत्यापन किया जा रहा है। नई तकनीक के कारण न्याय सहायक प्रयोगशालाओं में नमूनों की ‘पेंडेंसी’ भी कम हो रही है। नए आपराधिक कानूनों ने किसी भी पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज करने की सुविधा प्रदान की है। इसलिए, अपराधी अब अपराध करके दूसरे राज्यों में भाग नहीं पाएगा। नागरिकों को एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, कौशल उद्यमिता एवं रोजगार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मुख्य सचिव राजेश कुमार, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह चहल, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला मंच पर उपस्थित थीं ।

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