डिजिटल हमलों से महिलाएं और बच्चे असुरक्षित : जेपी

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रांची{ गहरी खोज }: भाजपा किसान मोर्चा के नेता और झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के संयोजक जेपी पांडेय ने कहा है कि डिजिटल युग में महिलाएं और बच्चे तेज़ी से बढ़ रहे साइबर अपराधों के शिकार बनते जा रहे हैं। इससे महिलाएं और बच्‍चे असुरक्षित हो गए हैं। बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पांडेय ने कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग ने भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। कई बच्चे आत्महत्या तक कर चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में महिलाएं ब्लैकमेलिंग, तस्वीरों से छेड़छाड़, फर्जी वीडियो, ऑनलाइन हैरेसमेंट और साइबर फ्रॉड का सामना कर रही हैं।
उन्होंने भारत सरकार से कठोर कानून बनाने, पुलिस–प्रशासन को विशेष प्रशिक्षण देने और टेक कंपनियों को जवाबदेह बनाने की मांग की। साथ ही स्कूल–कॉलेजों में डिजिटल नैतिकता और ऑनलाइन सुरक्षा को अनिवार्य पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया। पांडेय ने कहा कि भारत में डिजिटल क्रांति जितनी तेज हुई है, उतनी ही तेज़ी से डिजिटल हिंसा भी बढ़ी है। कमजोर कानूनों और टेक कंपनियों की कम जवाबदेही के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर से 16 दिसंबर तक संयुक्त राष्ट्र में डिजिटल हमलों पर वैश्विक स्तर पर चर्चा होना इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

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