झारखंड में आने वाले दिनों में होगी विस्थापन के नए दौर की शुरुआत : माकपा
रांची{ गहरी खोज }: माकपा का राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा है कि झारखंड में आने वाले दशकों के लिए ऊर्जा क्षेत्र में कॉरपोरेट घरानों का आक्रामक निवेश साफ दिख रहा है। इससे झारखंड में विस्थापन के नए दौर की शुरुआत होनी की आशंका है। विप्लव ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संताल परगना क्षेत्र में ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई), कोल इंडिया लिमिटेड और झारखंड स्टेजट मिनरल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (जेएसएमडीसी) एवं केंद्रीय कोयला मंत्रालय की 2023–24 की आधिकारिक रिपोर्ट बताती है कि इस इलाके में 15.05 अरब टन कोयले के अनुमानित भंडार के आधार पर 28 नए कोयला ब्लॉक चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा कोल परियोजनाओं में जिस स्तर का विस्थापन, प्रदूषण, जल स्रोतों का विनाश और कृषि की बर्बादी देखी जा रही है, उससे स्पष्ट है कि आगे स्थिति और भयावह होने वाली है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि सरकारी अनुमान के अनुसार इन 28 नए ब्लॉकों के चालू होने पर कुल 33,600 प्रत्यक्ष रोजगार और प्रत्यक्ष–अप्रत्यक्ष मिलाकर 1,68,000 रोजगार पैदा होने का दावा किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि इससे पारंपरिक कृषि पर निर्भरता घटेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह खनन कार्य मुख्यतः निजी कॉरपोरेट कंपनियां ही संचालित करेंगी, जिनका लक्ष्य लाभ अधिकतम करना होता है, न कि स्थानीय समुदायों का जीवन-संरक्षण करना होता है। पार्टी ने कहा है कि राज्य सरकार भी राजस्व कि आशा में इस निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होती जा रही है। यही कारण है कि राज्य सरकार की कंपनी जेईएमसीएल भी संताल परगना में चार कोल माइंस खनन के लिए ले चुकी है।
