दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों की बढ़ाई चिंता, ब्रोंकाइटिस, COPD के मरीजों का हुआ बुरा हाल

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आजकल की खराब लाइफस्टाइल का असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। कम उम्र में ही लोग कमर दर्द, घुटनों में दर्द, कमज़ोर नज़र , डायबिटीज़ अस्थमा जैसी बीमारियों से परेशान हैं। आज के ज़माने में ये घर घर की सच्चाई है जो बीमारियां ओल्ड एज में होती थी वो अब यंग्स्टर्स को हो रही हैं और तो और बच्चे भी सेफ नहीं है। बच्चे भी अस्थमैटिक पैदा हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह है प्रदूषण जिसके कण गर्भ में पहुंचकर जन्म लेने वाले बच्चों को सांस की बीमारी दे रहे है। खासकर दिल्ली-NCR में तो लोगों का सांस लेना तक मुहाल हो गया है। हर 4 में से 3 परिवार बीमार हैं।

हालात अभी और गंभीर होने की संभावना है क्योंकि पहाड़ो पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ने लगी है। अभी दिल्ली में रविवार का दिन पिछले 8 साल में सबसे ठंडा दिन रहा और एक्सपर्ट्स की माने तो सर्दी-कोहरे की जुगलबंदी सांसों पर संकट और बढ़ाएगी। हालात तो अभी भी खराब है। कोल्ड-कफ, एलर्जी, रेस्पिरेट्री ट्रैक में सूजन, निमोनिया के मरीज़ों की अस्पतालों में गिनती बढ़ने लगी है और ये सारी परेशानी फेफड़ों की मुश्किल बढ़ाती हैं। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, COPD के मरीज़ों के लिए तो 500 AQI में बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। जो मरीज़ हैं वो भी जो मरीज़ नहीं हैं वो भी, निकलना तो किसी के लिए सेफ नहीं है। लोग बच्चों को बाहर खेलने तक नहीं भेज पा रहे। प्रदूषण से हवा क्या कम ज़हरीली है जो रही सही कसर पराली का धुआं पूरी कर रहा है। आपको पता है पंजाब में इस सीज़न में अब तक 5 हज़ार से ज़्यादा पराली जलने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सांसों की हिफाज़त करने के लिए क्या करें स्वामी रामदेव से जानेंगे।

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