पंजाब में रेल नेटवर्क

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ravneet

संपादकीय { गहरी खोज }: चंडीगढ़ में रेल लाइन की घोषणा करते हुए केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने दावा किया कि इस परियोजना से लगभग 10 लाख लोगों को लाभ होगा और करीब 2.5 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। फिरोजपुर और अमृतसर के बीच की दूरी 196 किमी से घटकर लगभग 107 किमी रह जाएगी जबकि जम्मू-फिरोजपुर-फाजिल्का-मुंबई कॉरिडोर की दूरी 236 किमी कम हो जाएगी। इसी तरह फिरोजपुर-खेमकरण की दूरी 273 से घटकर 69 किमी हो जाएगी। मंत्री ने कहा, यह परियोजना मालवा और माझा क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगी जिससे क्षेत्रीय संपर्क और लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा। नई रेल लाइन जालंधर-फिरोजपुर और पट्टी-खेमकरण मार्गों को जोड़ेगी जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट एक सीधा और वैकल्पिक संपर्क स्थापित होगा। परियोजना से बड़े पैमाने पर सामाजिक और आर्थिक फायदे होंगे। यह रेल लाइन प्रतिदिन 2,500 से 3,500 यात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करेगी जिससे विशेष रूप से छात्रों, कर्मचारियों और ग्रामीण मरीजों को पी लाभ पहुंचेगा। रेल मंत्री ने कहा कि यह नया मार्ग विभाजन के समय खोए हुए खेमकरण तक ऐतिहासिक रूट को पुनर्जीवित करेगा। केंद्र सरकार पंजाब में रेल नेटवर्क को और मजबूत करने में जुटी है। इसी कड़ी में अब 9927 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं से सूबे में रेल तंत्र को और विस्तार दिया जाएगा। इसके अलावा 4768 करोड़ के प्रोजेक्ट भी सिरे चढ़ चुके हैं। 30 अमृत स्टेशनों की कायाकल्प और 88 आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) व आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) का काम जारी है। अमृतसर या फिरोजपुर से चंडीगढ़ तक एक नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है जबकि फिरोजपुर-नई दिल्ली के बीच शुरू हुई वंदे भारत का ठहराव संगरूर में भी करने पर विचार चल रहा है। इन परियोजनाओं पर चल रहा कामः नंगल डैम-तलवाड़ा नई लाइन (123 किमी, 2018 करोड़) • भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन (63 किमी, 6,753 करोड़) मानसा बठिंडा डबलिंग (80 किमी, 449 करोड़) लुधियाना-किला रायपुर डबलिंग (17 किमी, 238 करोड़) लुधियाना-मुल्लांपुर डबलिंग (21 किमी, 295 करोड़) ज अलाल-हिम्मतना डबलिंग (13 किमी, 174 करोड़)। ये प्रोजेक्ट सिरे चढ़े :- नंगल डैम-दौलतपुर चौक नई लाइन (61 किमी, 672 करोड़) (तीन किमी, 15 करोड़) किमी, 163 करोड़) • चक्की बैंक भरोली डबलिंग जाखल-मानसा डबलिंग (45 जालंधर-सुच्चीपिंड डबलिंग (4 किमी, 24 करोड़) अंबाला-चंडीगढ़ डबलिंग (45 किमी, 338 करोड़) मानसा-बठिंडा डबलिंग (49 किमी, 216 करोड़) अमृतसर-छेहरटा डबलिंग (7 किमी, 31 करोड़) जालंधर-जम्मू तवी डबलिंग (211 किमी, 850 करोड़) • राजपुरा-बठिंडा डबलिंग (173 किमी, 2,459 करोड़) पंजाब के विकास के लिए आश्वयक है कि सड़क और रेल मार्ग मजबूत हो। सड़कें और रेलमार्ग वही काम करते हैं जो शरीर में नसें करती हैं। अगर नसें कमज़ोर हों तो शरीर भी कमजोर होने लगता है। पंजाब के विकास का आधार मजबूत बुनियादी ढांचा ही है। इसलिए पंजाब हित को सम्मुख रखते हुए ऐसी तमाम योजनाएं जो पंजाब के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक है, चाहे वह प्रदेश सरकार द्वारा बनाई हो या केंद्र सरकार की हों उनका दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वागत होना चाहिए और सरकारों को सहयोग भी देना चाहिए।

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