रुद्राक्ष खरीदने का सोच रहे हैं? पहनने से पहले जान लें किस राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष शुभ

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धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रसाद माना गया है। कहते हैं कि इस पवित्र बीज को धारण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, सौभाग्य और मानसिक शांति मिलती है। हालांकि, रुद्राक्ष पहनने के लिए पहले उसकी असलियत पहचानना बेहद जरूरी है। पानी, गर्म पानी और अनुभवी व्यक्ति की मदद से असली रुद्राक्ष की पहचान हो सकती है। इसे धारण करने से पहले गंगाजल से शुद्धिकरण और शिव मंत्र का जप जरूरी है। ज्योतिष के अनुसार हर राशि के लिए अलग प्रकार के रुद्राक्ष का महत्व बताया गया है, जो व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और शांति लाता है। असली-नकली रुद्राक्ष की पहचान कैसे की जाती है? किस राशि के जातक को कौन सा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए? चलिए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब

रुद्राक्ष का धार्मिक महत्व
सनातन परंपरा में रुद्राक्ष को भगवान शिव का विशेष प्रसाद माना गया है। इसे धारण करने से शिव कृपा तुरंत प्राप्त होती है और व्यक्ति जीवन के संकटों से बचा रहता है। इसे गले, कलाई या माला के रूप में पहनना शुभ माना गया है। माना जाता है कि असली रुद्राक्ष साधक के मन, शरीर और आत्मा को पवित्र करता है और आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

कैसे पहचानें असली-नकली रुद्राक्ष?
असली रुद्राक्ष की पहचान के लिए सबसे आसान तरीका है इसे पानी में डालना। अगर रुद्राक्ष पानी में डूब जाए, तो इसके असली होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं, नकली या कृत्रिम रूप से चिपकाए गए रुद्राक्ष गर्म पानी में अलग हो जाते हैं। इसके अलावा आप किसी अनुभवी साधक से पहचान करवा सकते हैं या लैब टेस्ट करवा सकते हैं। असली रुद्राक्ष हल्का खुरदरा, प्राकृतिक रेखाओं वाला और पूरी तरह गोल आकार में होता है।

कितनी संख्या में पहनना चाहिए रुद्राक्ष?
रुद्राक्ष को 108, 54 या 27 दानों में पहनना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष की माला 108 दानों की होनी चाहिए, क्योंकि 108 संख्या को पूर्ण और शुभ माना जाता है। अगर 108 दानों की माला उपलब्ध न हो तो 54 या 27 दानों की माला भी धारण की जा सकती है। इसे पहनने से मन की शांति, एकाग्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।

रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि
रुद्राक्ष को हमेशा लाल, पीले या सफेद धागे में गुंथा हुआ पहनें। काले धागे में रुद्राक्ष पहनना निषेध माना गया है। किसी और का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी उपयोग न करें। धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र की कम से कम एक माला जप करने के बाद ही पहनें। यही प्रक्रिया रुद्राक्ष को ऊर्जावान और सिद्ध बनाती है।

राशि अनुसार कौन सा रुद्राक्ष पहनें?
ज्योतिष के अनुसार हर राशि के लिए अलग रुद्राक्ष शुभ माना जाता हैः

मेष: 5 मुखी
वृषभ: 6 और 10 मुखी
मिथुन: 4 या 11 मुखी
कर्क: 4 मुखी या गौरीशंकर
सिंह: 5 मुखी
कन्या: गौरीशंकर
तुला: 7 मुखी और गणेश रुद्राक्ष
वृश्चिक: 8 और 13 मुखी
धनु: 9 मुखी या 1 मुखी
मकर: 10 और 13 मुखी
कुंभ: 7 मुखी
मीन: 1 मुखी
रुद्राक्ष पहनने से क्या है फायदा?

ऐसा माना जाता है कि असली रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक तनाव कम होता है, स्वास्थ्य बेहतर होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि रुद्राक्ष व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ाता है, उसके ग्रहदोष कम करता है और आर्थिक स्थिरता भी प्रदान करता है। सही राशि का रुद्राक्ष पहनने से जीवन में सौभाग्य और सफलता बढ़ती है।

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