Bihar-Election-2025-voting-in-2nd-phase

संपादकीय { गहरी खोज }: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के साथ ही आज पंजाब में तरनतारन उपचुनाव का मतदान होने जा रहा है। आम आदमी पार्टी के इस क्षेत्र के विधायक कश्मीर सिंह सोहल की मृत्यु के कारण खाली हुई सीट पर कुल 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे हैं। अभी तक पंजाब में हुए 6 उपचुनावों में आम आदमी पार्टी को 5 पर विजय हासिल हुई है। तरनतारन उपचुनाव में भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंधु की जीत सुनिश्चित कराने के लिए ‘आप’ के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सहित पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिन-रात एक की है। बहुकोणीय मुकाबले में आम आदमी पार्टी लाभ वाली स्थिति में दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी किसी तरह की लापरवाही न दिखाते हुए इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है, क्योंकि इस चुनाव परिणाम से 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के रुझान को समझना पार्टी नेताओं के लिए आसान हो जाएगा।
कांग्रेस ने अपनी जिला ईकाई के अध्यक्ष करणबीर सिंह बुर्ज को मैदान में उतारा है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगाया हुआ है। राजा वडिंग के विवादित बयान का नुकसान बुर्ज को हो सकता है। अकाली दल ने सुखविंदर कौर रंधावा को मैदान में उतारा है, जो सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत हैं और ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ के बाद सेना छोड़कर आये फौजी की धर्मपत्नी है।
भाजपा ने तरनतारन जिला ईकाई के अपने अध्यक्ष हरजीत संधु को इस उपचुनाव में उतारा है। संधु पहले अकाली दल में थे, 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। पंजाब में अपना राजनीतिक आधार मजबूत करने के लिए प्रयासरत भाजपा के लिए यह उपचुनाव कितना महत्व रखता है, इसी बात से स्पष्ट हो जाता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित पंजाब भाजपा के प्रदेश प्रधान सहित भाजपा के दिग्गज नेताओं ने स्थानीय मतदाता को अपनी ओर खींचने के लिए पूरा प्रयास किया है। तरनतारन सिख बहुल व संवेदनशील इलाका है, किसान आंदोलन के बाद से अब तक ग्रामीण क्षेत्रों और सिख बहुल क्षेत्रों में भाजपा का आधार अभी कमजोर ही है।
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल के बाद इस उपचुनाव को जो उम्मीदवार प्रभावित करने की क्षमता रखता है वह निर्दलीय उम्मीदवार मनदीप सिंह है, जिसका भाई शिव सेना टकसाली के नेता सूरी की हत्या के आरोप में जेल में है और इसे ‘वारिस पंजाब दे’ के सांसद अमृतपाल का समर्थन प्राप्त है। उसे अकाली दल अमृतसर और अकाली दल पुनरसुरजीत के समर्थन के साथ-साथ धार्मिक संगठनों का भी समर्थन है।
उपरोक्त के अलावा और भी उम्मीदवार मैदान में हैं। कुल 15 उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला उपरोक्त पांचों में ही रहेगा। जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी द्वारा विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, जो किसी भी उपचुनाव में आयोग द्वारा अब तक की सबसे बड़ी तैनाती में से एक है। सिबिन सी अनुसार केंद्रीय बलों के साथ-साथ सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिनकी निगरानी रिटर्निंग अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन के स्तर पर चुनाव आयोग की देखरेख में की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी संवेदनशील मतदान केंद्र स्थलों की निगरानी के लिए 46 माइक्रो ऑब्जर्वर भी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने तरनतारन विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे 11 नवम्बर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक निडर होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। तरनतारन उपचुनाव राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसका परिणाम पंजाब के प्रमुख राजनीतिक दलों के भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

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