व्हाइट हाउस में ऐतिहासिक वार्ता: सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा और डोनाल्ड ट्रंप की पहली बैठक

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वाशिंगटन{ गहरी खोज } :अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा का व्हाइट हाउस में स्वागत कर रहे हैं। इस कदम के साथ कभी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अलग-थलग रहा सीरिया अब इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ अमेरिका-नेतृत्व वाले वैश्विक गठबंधन का हिस्सा बन गया है। यह पहली बार है जब सीरिया के किसी राष्ट्राध्यक्ष ने 1946 में फ्रांस से स्वतंत्रता के बाद व्हाइट हाउस का दौरा किया है। यह दौरा उन अमेरिकी प्रतिबंधों के हटने के बाद हो रहा है जो लंबे समय तक असद परिवार के शासन के चलते लगाए गए थे। अल-शरा ने पिछले वर्ष दिसंबर में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने वाले विद्रोही बलों का नेतृत्व किया था और इस वर्ष जनवरी में अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किए गए।
ट्रंप और अल-शरा की पहली मुलाकात मई में सऊदी अरब में हुई थी। उस समय ट्रंप ने अल-शरा को “युवा, आकर्षक, मजबूत और लड़ाकू” बताया था। यह वर्ष 2000 के बाद अमेरिका और सीरिया के बीच पहला आधिकारिक संपर्क था, जब पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने हाफ़िज़ अल-असद से मुलाकात की थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट के अनुसार यह दौरा राष्ट्रपति के “विश्व शांति के प्रयासों” का हिस्सा है। ट्रंप हाल ही में कह चुके हैं कि अल-शरा “अब तक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं” और सीरिया में “काफी प्रगति हुई है”।
एक अधिकारी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ गठबंधन में शामिल होने से सीरिया अमेरिकी बलों के साथ और निकटता से काम कर सकेगा। हालांकि नई सीरियाई सेना और कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज पहले से ही आईएस के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। अल-शरा के दौरे से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उनके और सीरियाई सरकार के अन्य अधिकारियों पर लगे प्रतिबंध हटाने के पक्ष में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत माइक वॉल्ट्ज़ ने इसे “असद शासन के पतन के बाद सीरिया के नए दौर” की शुरुआत बताया।
अल-शरा की प्राथमिकता है कि मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों के चलते लगे प्रतिबंध स्थायी रूप से हटाए जाएं। वर्तमान में ‘सीज़र एक्ट’ प्रतिबंधों को ट्रंप ने अस्थायी रूप से निलंबित किया है, लेकिन इन्हें पूरी तरह हटाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी चाहिए।
इस दिशा में दो प्रस्ताव चर्चा में हैं एक डेमोक्रेटिक सीनेटर जीन शहीन का, जिसमें शर्तों के बिना प्रतिबंध हटाने की बात है। दूसरा रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम का, जिसमें प्रतिबंध हटाने पर सशर्त समीक्षा हर छह माह में करने का प्रावधान है। विशेषज्ञों का तर्क है कि किसी भी सशर्त व्यवस्था से कंपनियों में निवेश को लेकर भय बना रहेगा, जिससे सीरिया के आर्थिक पुनर्निर्माण पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

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