शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की जरूरत : डॉ राजेश

0
4ceaf71e5e0da5fdb0159eb6828223d6

रांची{ गहरी खोज }: इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक (आईएपी) रांची की ओर से 24वां झारखंड पेडिकॉन के दूसरे दिन शनिवार को ओरमांझी स्थित विनायक इको रिसोर्ट में सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में डॉ राजेश कुमार (बालपन) ने कहा कि नवजात शिशुओं में मृत्यु दर घटाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि प्रति 1000 शिशुओं के जन्म पर 14 शिशुओं की मृत्यु हो जाती है, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने जन्म के तुरंत बाद शिशु को गर्म रखने, नाभि की साफ-सफाई, सुरक्षित कटाई और मातृत्व के प्रथम दूध के सेवन को अनिवार्य बताया।
डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि समय के साथ नवजाताें के इलाज की तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। पहले जहां दवाओं को चूर्ण बनाकर दिया जाता था, अब वेंटिलेशन जैसी उन्नत तकनीक से इलाज किया जा रहा है। डॉ श्याम सुंदर सिडाना ने कहा कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) चिकित्सा जगत में क्रांति ला रहा है, लेकिन डॉक्टर की निगरानी और सटीक निर्देश देना जरूरी है, अन्यथा एआई गलत दिशा में भी परिणाम दे सकता है।
हैदराबाद की डॉ अपर्णा ने नवजात शिशुओं में संक्रमण और इनसेप्सनस के लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए अनावश्यक एंटीबायोटिक उपयोग से बचने की सलाह दी। वहीं डॉ अभिषेक रंजन ने थैलेसीमिया, डॉ केएस दास ने संक्रमण, और डॉ अभिषेक झा ने नवजात कैंसर के आपातकालीन इलाज की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ शैलेश, डॉ अनिताभ कुमार, डॉ रतन कुमार, डॉ निशांत पाठक, डॉ हेमंत, डॉ अजीत सहाय सहित देशभर के कई डॉक्टर मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *