पंजाब के रोशन मीनार

0
6fpi3pts_-harmanpreet-kaur_625x300_23_July_23

संपादकीय { गहरी खोज }: पंजाब राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आजकल नशा तस्करी, गैंगस्टर, गिरती कानून व्यवस्था तथा विदेशों के प्रति युवा पीढ़ी के मोह या बढ़ते कर्जे व पराली के जलाने की घटनाओं को लेकर अधिकतर चर्चा में रहता है। बाढ़ग्रस्त पंजाब के उपरोक्त नकारात्मक पहलू के दूसरे उज्ज्वल पहलू के हमारे नायक हैं, हमारे खिलाड़ी। जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लग्न के साथ न केवल अपना नाम रोशन किया बल्कि अपने परिवार, प्रदेश व देश का नाम भी विश्व में रोशन किया।
इन रोशन मीनारों में आज तीन हैं हरमनप्रीत कौर, शुभमन गिल और हरमनप्रीत सिंह, इन तीनों ने खेल इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया है। इनसे पहले भी पंजाब के विभिन्न जिलों के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है। लेकिन दुःख की बात यह है कि समाज व सरकार दोनों ने हमारे खेल जगत के नायकों व रोशन मीनारों को एक समय के बाद भुला दिया।
पंजाब में न जाने कितनों ने ओलंपिक खेला, कितनी अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में केवल भाग ही नहीं लिए, कई पदक भी जीते, हॉकी के 100 वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर 100 मैच कराने की केंद्र सरकार ने घोषणा की है, यह एक स्वागतयोग्य कदम है। लेकिन हॉकी के इन 100 वर्षों में केवल दोआबा से ही 100 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हुए होंगे। भारत ने ओलंपिक हॉकी में स्वर्ण व अन्य पदकों सहित कुल 13 पदक जीते हैं। क्रिकेट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की अन्य खेल प्रतियोगिताओं में जैसे एथलैटिक्स, कुश्ती, बॉक्सिंग, जुडो, तलवारबाजी, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन तथा अन्य खेलों में कई पदक जीते हैं, पदक जीतने में पंजाब के खिलाड़ियों का विशेष योगदान रहा है।
पंजाब सरकार को चाहिए कि पंजाब के जिन खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड मिला है या जिन खेल प्रशिक्षकों को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला है, उनके जीवन की संघर्ष गाथा उनकी मेहनत व खेल के प्रति जुनून और उनकी पारिवारिक परिस्थितियों को प्रदेश की युवा पीढ़ी के सम्मुख एक पुस्तक रूप में लाए, ताकि पंजाब का युवा वर्ग जो नकारात्मक गतिविधियों में संलिप्त है या छोटे रास्ते से धनवान होने के चक्कर में नशा तस्करी या अन्य नकारात्मक गतिविधियों में संलिप्त है, उस वर्ग को पता चले कि पंजाब का वर्तमान व अतीत में नाम रोशन करने वालों ने कितनी चुनौतियों का सामना करते हुए अपना तथा अपने प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है। लेकिन जल्द धन कमाने या नाम कमाने के लिए कोई गलत काम या छोटा रास्ता नहीं अपनाया। पंजाब के शिक्षा व खेल विभाग को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। पंजाब के खिलाड़ी जिन्होंने प्रदेश व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है, उनकी जीवनियां स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ाने की योजना बनाई जानी चाहिए ताकि प्रदेश व देश की भावी पीढ़ी हमारे इन रोशन मीनारों से प्रेरित होकर इनके पद चिन्हों पर चल सके। पंजाब को नशा मुक्त करना है तो हमें अपने रोशन मीनारों को संभालना ही होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *