राधाकृष्णन का भारत 2047 के भारत के लिए अनुसंधान, नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने एकीकृत चिकित्सा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उन्नत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले राष्ट्रीय महत्व के अग्रणी संस्थान केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान का मंगलवार को दौरा किया तथा संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मियों और कर्मचारियों का 2047 के विकसित भारत के लिए अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने का विशेष आह्वान किया।
श्री राधाकृष्णन ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने आधिकारिक पेज पर एक पोस्ट में इस यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने संस्थान के अच्युता मेनन स्वास्थ्य विज्ञान अध्ययन केंद्र में श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के संकाय सदस्यों और स्टार्ट-अप कंपनियों द्वारा विकसित चिकित्सा उपकरणों की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
उपराष्ट्रपति ने संस्थान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान और जैव चिकित्सा प्रौद्योगिकी के संयोजन से इस संस्थान की चार दशकों से अधिक राष्ट्र सेवा उल्लेखनीय है। उन्होंने संस्थान की भूमिका को एक ऐसे प्रमुख मॉडल के रूप में रेखांकित किया, जिसका अनुकरण भारत के अन्य संस्थान करना चाहते हैं। उपराष्ट्रपति ने वैश्विक मान्यता प्राप्त कम लागत के चित्रा हृदय वाल्व, चित्रा रक्त बैग और तपेदिक की जांच के लिए स्पॉट डायग्नोस्टिक परीक्षण किट सहित अन्य स्वदेशी चिकित्सा उपकरण विकासित करने में संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने विकसित भारत 2047 की योजना के तहत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर भारत की यात्रा में अनुसंधान और नवाचार की भूमिका पर बल देते हुए पेटेंट आवेदनों, डिज़ाइन पंजीकरणों और सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरणों के संस्थान के प्रभावशाली रिकॉर्ड को भी सराहनीय बताया और अनुसंधानकर्ताओं का आह्वान किया कि वे वंचित लोगों तक अनुसंधान का लाभ पहुंचाकर समाज के सकारात्मक विकास में सहायक बनें।

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