मरीजों को राज्य से बाहर रेफर करने से बचें चिकित्सक : मुख्यमंत्री
                अगरतला{ गहरी खोज },: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को सरकारी चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे जहां तक संभव हो, मरीजों को राज्य से बाहर रेफर करने से बचें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। यहां एक कार्यक्रम में साहा ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री समीपेशु’ कार्यक्रम के दौरान उनसे मिलने वाले अधिकतर लोग स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे उठाते हैं और बेहतर इलाज के लिए त्रिपुरा से बाहर रेफर किए जाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। कार्यक्रम एक साप्ताहिक पहल है, जिसके तहत वे जनता की शिकायतें सुनते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने जीबीपी अस्पताल में पहले ही नौ सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोल दिए हैं तथा चार और खोलने की योजना है। अगर मरीज इलाज के लिए राज्य से बाहर जाते रहेंगे, तो सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाएं क्यों खोली हैं? यह चिकित्सकों और मरीजों के बीच विश्वास की कमी को दर्शाता है।” जीबीपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ शंकर चक्रवर्ती के अनुसार, रेफरल मामलों की संख्या 2024 में 900 से घटकर इस वर्ष अक्टूबर तक लगभग 500 रह गई है।
मुख्यमंत्री ने दो मेडिकल कॉलेजों – शांतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज, जो एक निजी संस्थान है और सोसायटी द्वारा संचालित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) को हाल ही में घोषित एमबीबीएस परीक्षा परिणामों में उनके खराब प्रदर्शन को लेकर चेतावनी भी दी।
उन्होंने कहा, “मीडिया ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में इन दोनों कॉलेजों के खराब प्रदर्शन की खबर दी है। सरकार चिकित्सा शिक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और जरूरत पड़ने पर हम मदद भी करेंगे।”
उन्होंने कहा, “मुझे संदेश मिला है कि सक्षम प्राधिकारी ने त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में 50 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है और शीघ्र ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में त्रिपुरा के तीन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 400 सीटें हैं।
