तेजस्वी RJD पोस्टरों में लालू की तस्वीर को कोने में रखकर उनके ‘पाप’ छिपा रहे हैं: प्रधानमंत्री

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कटिहार/सहरसा{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कटिहार जिले में एक चुनावी रैली के दौरान दावा किया कि इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद के “पाप” छुपाने की कोशिश कर रहे हैं और इसी वजह से आरजेडी के चुनावी पोस्टरों में उनकी तस्वीरों को कोने में कर दिया गया है। उन्होंने पिता-पुत्र का नाम सीधे लिए बिना तेजस्वी पर तंज कसते हुए उन्हें “जंगलराज के युवराज” बताया और आरोप लगाया कि आरजेडी बिहार की “सबसे भ्रष्ट परिवार” के हाथों में है, जबकि कांग्रेस देश की “सबसे भ्रष्ट परिवार” के नियंत्रण में चलती है। सहरसा की रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2005 में बिहार की सत्ता से बेदखल होने के बाद आरजेडी ने बदले की भावना से केंद्र की यूपीए सरकार पर दबाव डालकर कोसी महासेतु समेत कई विकास परियोजनाओं को रोकवाया था। उन्होंने कहा कि एनडीए विकास की राजनीति करता है, जबकि “जंगलराज वाले विनाश के प्रतीक” हैं और विधानसभा चुनाव में जनता को इन्हें उनके किए की सज़ा देनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि आरजेडी और कांग्रेस घुसपैठियों के प्रति नरम रवैया अपनाते हैं और सीमांचल क्षेत्र की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर और छठ पूजा के प्रति इन दलों का रवैया नकारात्मक रहा है। मोदी ने बिहार की महिलाओं के सम्मान और प्रगति पर गर्व जताते हुए कहा कि बेटियों ने क्रिकेट विश्व कप जीतकर देश का मान बढ़ाया है और एनडीए सरकार की योजनाओं का लाभ पाने वाली माताओं-बहनों को चेताया कि “जंगलराज वाले” सत्ता में लौटकर इन योजनाओं को बंद कर सकते हैं। उन्होंने मंच से मखाना की माला दिखाते हुए बताया कि वह विदेश दौरों पर विश्व नेताओं को मखाना भेंट करते हैं और कहते हैं कि यह बिहार के किसानों की मेहनत है। कानून-व्यवस्था पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राजद शासन में पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं थे और सड़कों का निर्माण करने वालों की हत्याएं होती थीं। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नालंदा में विश्वविद्यालय खोलने के झूठे वादे कर रहे हैं जबकि आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय पहले से बन चुका है। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस शासन में इस परियोजना के लिए मात्र 20 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे जबकि 2014 के बाद उनकी सरकार ने इस पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए।

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