भारत अरुणाचल के मेचुका में ‘त्रि-सेवा’ अभ्यास ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ करेगा

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ईटानगर{ गहरी खोज }: भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं के बीच युद्धक क्षमता को एकीकृत करने, तकनीकी अनुकूलन बढ़ाने और परिचालन तालमेल स्थापित करने के उद्देश्य से इस महीने एक ‘त्रि-सेवा अभ्यास’ का आयोजन किया जाएगा। यह अभ्यास अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र मेचुका में आयोजित किया जाएगा। एक अधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने शनिवार शाम एक बयान में कहा, ‘‘…‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ अभ्यास को भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस अभ्यास का उद्देश्य थल, वायु और समुद्री मोर्चों पर विभिन्न सेनाओं के बीच समन्वय और संयुक्त संचालन की क्षमता की पड़ताल करना है। यह भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य के युद्धों के लिए बढ़ती तैयारी और आधुनिक सैन्य दृष्टिकोण को दर्शाता है।’’
इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को और बेहतर बनाना, स्थिति की सटीक जानकारी रखने की क्षमता बढ़ाना, तथा संयुक्त अभियानों के संचालन के लिए कमान और नियंत्रण व्यवस्था की प्रभावशीलता की जांच करना है। अधिकारी ने बताया कि इस अभ्यास की मुख्य विशेषता ऊंचाई वाले वास्तविक परिस्थितियों में विशेष बलों, ड्रोन प्रणालियों, सटीक हथियार प्रणालियों और आपस में जुड़े संचालन केंद्रों का एक साथ समन्वित रूप से प्रयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि युद्ध कौशल और अनुकूलन क्षमता को मजबूत करने के लिए संशोधित रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं (टीटीपी) का परीक्षण और सत्यापन किया जाएगा। ‘भाला प्रहार’ (2023) और ‘पूर्वी प्रहार’ (2024) अभ्यास के सफल आयोजन के बाद ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ अभ्यास भारत के तीनों सेनाओं के एकीकरण के प्रयास में एक और महत्वपूर्ण कदम है। लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए यह अभियान की तैयारी और संयुक्त परिचालन प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों के सामूहिक संकल्प को मजबूत करता है।

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