बिहार के अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे :चिराग पासवान
पटना{ गहरी खोज },: लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास ( लाेजपा आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव (विस) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत का दावा किया है। उन्होंने यह भी साफ किया कि नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
राजधानी पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है, तब कोई दूसरा व्यक्ति मुख्यमंत्री कैसे हो सकता है? पत्रकारों के पूछे गए सवालों पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बातों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह ने सिर्फ एक प्रक्रिया बताई थी, कहा था कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा। यहां पांच-पांच दल हैं, हर दल के विधायक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चुनने का काम करेंगे। बिहार में डबल इंजन की सरकार बनने जा रही है।
विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी को लेकर उन्होंने कहा कि आज सहनी साहब इतना खुश हो रहे हैं कि महागठबंधन ने उन्हे उपमुख्यंत्री घोषित कर दिया है, लेकिन मेरा कहना है कि उनका समाज देख रहा है कि कैसे आपको इसके लिए मिन्नत करनी पड़ी। कितना हाथ पैर जोड़ना पड़ा। ये लोग चाहते, तो पहले ही जब राहुल गांधी बिहार आए हुए थे, तभी इस बात की घोषणा कर देते, लेकिन इनकी मंशा नहीं थी कि मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करें।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा दो मतदाता पहचान पत्र रखे खाने की बात पर चिराग पासवान ने कहा कि यह बिल्कुल गलत बात है। उन्होंने कहा कि आप तो बहुत जानकार व्यक्ति है, सबको चुनाव जीताते हैं, चुनावी रणनीतिकार है, उसके बावजूद अगर आपने ऐसी गलती की है, तो निश्चित तौर पर यह कहीं से उचित नहीं है। चिराग ने कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। वो जानकार हैं, इसके बावजूद दो-दो जगह से मतदाता पहचान पत्र बना रखे हैं,यह कहीं से भी उचित नहीं है।
महागठबंधन में जननायक की उपाधि लेने की मची होड़ पर चिराग पासवान ने कहा कि जननायक की उपाधि लेने का इतना शौक है, तो वैसा कर्म भी तो कीजिए। क्या आपने ऐसा कर्म किया है कि जननायक की उपाधि आपको मिले। तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए चिराग ने कहा कि आपके परिवार के दो-दो सदस्य बिहार के मुख्यमंत्री बनकर रह गये। उनको तो यह उपाधि नहीं दी गयी,क्योंकि जंगलराज उनसे जुड़ गया था, उन्हें जंगलराज की उपाधि मिली। उपाधि जनता देती है। खुद लेने से नहीं होती, लेकिन ये लोग जननायक की उपाधि लेने में लगे हैं, जबकि उनके दल में ही इसे लेकर भारी विरोध है।
