सहकारिता के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में आएगी समृद्धि : अमित शाह
मुंबई{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मुंबई में कहा कि डेयरी उद्योग और चीनी उद्योग ने सहकारिता के माध्यम से देश और राज्य में समृद्धि लाई है। इसी प्रकार, देश के मत्स्य पालन क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए अगले पांच वर्षों में सहकारिता आधारित एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा, इससे मत्स्य पालन क्षेत्र में भी समृद्धि आएगी।
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और राज्य सरकार के मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत सहकारी समितियों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं का वितरण और उद्घाटन किया। इस मौके पर सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि यद्यपि आज हम दो नावें दे रहे हैं, यह योजना भविष्य में मछुआरों के लिए बहुत उपयोगी होगी। भविष्य में, भारत के मत्स्य संसाधनों की क्षमता बढ़ेगी और इसका लाभ सीधे मत्स्य पालन क्षेत्र के मछुआरों को होगा।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत, वर्तमान में राज्य में सहकारी समितियों को 14 नावें दी जा रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले पांच वर्षों में कम से कम 200 नावें समुद्र में उतारने का लक्ष्य घोषित किया है। ये नावें 25 दिनों तक गहरे समुद्र में रह सकेंगी और 20 टन तक मछलियां पकड़ सकेंगी। इन नावों से मछलियां इकट्ठा करने और उन्हें किनारे तक ले जाने के लिए एक बड़ा जहाज भी उपलब्ध कराया जाएगा। इन नावों से होने वाला लाभ सीधे मछुआरों तक पहुंचेगा, जिससे उनकी आर्थिक समृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि 1,199 किलोमीटर लंबी तटरेखा में अपार संभावनाएं हैं और केंद्र सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक मछुआरों तक पहुंचना है।
अमित शाह ने कहा कि चाहे दूध उत्पादन हो, चीनी उद्योग हो या मत्स्य पालन क्षेत्र, मजदूर वर्ग और गरीबों को लाभ सीधे पहुंचाने का एकमात्र तरीका सहकारिता ही है। सहकारिता की भावना से ही सही मायने में मानवीय सकल घरेलू उत्पाद का निर्माण होता है। हर परिवार समृद्ध होगा, तभी देश समृद्ध होगा। डेयरी उद्योग और चीनी उद्योग सहकारिता के माध्यम से महाराष्ट्र के गांवों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके माध्यम से, वे सीधे मेहनती किसानों तक पहुंचे हैं। इसी प्रकार मत्स्य पालन क्षेत्र में मछली पालन करने वाले मछुआरों तक सीधे पहुंचने के लिए सहकारी मॉडल तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन और सहकारिता विभागों के साथ मिलकर प्रसंस्करण, शीतलन और निर्यात सुविधाओं और संग्रहण के लिए बड़े जहाज बनाने की योजना तैयार की है। शाह ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इससे मत्स्य पालन क्षेत्र में ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा और मछुआरों को प्रत्यक्ष निर्यात लाभ का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल, गृह एवं सहकारिता राज्य मंत्री पंकज भोयर, मुख्य सचिव राजेश कुमार, मत्स्य विभाग के सचिव रामास्वामी एन. आदि उपस्थित थे।
