पंजाब पुलिस के दो पहलू

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संपादकीय { गहरी खोज }: जालंधर के पीएपी कॉम्प्लैक्स में आयोजित राज्यस्तरीय पुलिस शहीदी समारोह के अवसर पर बोलते हुए पंजाब के पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस एक साहसी और सक्षम बल है और इसका इतिहास अद्वितीय वीरता और बलिदान से भरा है। पंजाब पुलिस ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया में भी एक मिसाल कायम की है और आतंकवाद और अलगाववाद का खात्मा किया है। यह सफलता हमारे साथियों की शहादत के कारण मिली है। जिनके बलिदान के कारण आज राज्य और देश में शांति, सुरक्षा और समृद्धि का माहौल है। सितंबर 1981 से अक्तूबर 2025 तक पंजाब के कुल 1802 अधिकारी और जवान शहीद हुए हैं। पिछले वर्ष पूरे भारत में 191 पुलिस अधिकारी और जवान कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए हैं। इन शहीदों में वर्ष 2025 के दौरान पंजाब पुलिस के 3 वीर जवान एसआई चरणजीत सिंह नं. 942/तरनतारन, एएसआई धनवंत सिंह नं. 616/एसबीएसएन और सिपाही हर्षबीर सिंह नं. 1-आईआरबी/499 शामिल हैं। शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने और अपने परिवार के सदस्यों के बहुमूल्य जीवन का बलिदान दिया है।
पंजाब को आतंकवाद के दौर से बाहर निकालने में पंजाब पुलिस ने मुख्य भूमिका निभाई। इसमें कोई दो राय नहीं है। पंजाब को नशा मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा चलाए ‘युद्ध नशेयां विरुद्ध’ अभियान में पंजाब पुलिस आज भी अहम भूमिका निभा रही है। पंजाब पुलिस अनुसार 1300 किलोग्राम से अधिक हेरोईन जब्त की जा चुकी है। 14 करोड़ की अवैध धन राशि जब्त की जा चुकी है और हजारों की तादाद में एफआईआर दर्ज की गई है।
पंजाब पुलिस ने अतीत में जो किया और जो नशा तस्करों और गैंगस्टरों विरुद्ध कर रही है उसके लिए उसने शहादतें भी दीं। पंजाब की जनता उपरोक्त सभी कार्यों के लिए पंजाब पुलिस की सराहना ही करती है। उपरोक्त के अलावा पंजाब पुलिस के खिलाड़ियों ने भी पंजाब व देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर पंजाब का नाम रोशन किया है। पंजाबियों को इसी कारण पंजाब पुलिस पर मान भी है और विश्वास भी है।
पंजाब पुलिस का दूसरा पहलू भी है, आतंकवाद के दौर में पदोन्नति लेने के लिए निर्दोष लोगों पर मुकद्दमें भी दर्ज हुए और झूठे एनकाऊंटर भी हुए, जिनको लेकर आज तक मुकद्दमें चल रहे हैं और कई पुलिस अधिकारियों को इस कारण सजा भी हो चुकी है।
वर्तमान में ‘युद्ध नशेयां विरुद्ध’ अभियान में पुलिस ने नशा तस्करों विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन डीआईजी भुल्लर के घर से करोड़ों रुपए के मिलने के साथ किलो के हिसाब से सोने का मिलना और लाखों रुपए की कीमती घड़ियों तथा शराब का मिलना पंजाब पुलिस के कमज़ोर पक्ष को भी दर्शाता है। पंजाब सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त और शराब मुक्त पंजाब की योजना को पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारी ही अपने कृत्यों से कमज़ोर करने में लगे हैं और उसकी भनक पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों को न लगे यह बात पुलिस विभाग को ही कटघरे में खड़ा करने वाली है और पंजाब सरकार के लिए चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डीआईजी भुल्लर को निलम्बित कर स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब सरकार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ब्यान में कहा कि यह कार्रवाई जनसेवा में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भ्रष्ट गतिविधियों से जनता का विश्वास कमजोर होता है और देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए सरकार ने इस खतरे को खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मान ने घोषणा की कि डीआईजी भुल्लर को 16 अक्तूबर 2025 से निलंबित माना जाएगा। उन्होंने दोहराया कि कोई भी अधिकारी या राजनेता, चाहे उसका पद या प्रभाव कुछ भी हो, यदि समाज विरोधी इस गंभीर अपराध में लिप्त पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। निलम्बन सजा नहीं है। सरकार को भुल्लर विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
पंजाब सरकार की नीयत व नीति को समझते हुए पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों विशेषतया पुलिस प्रमुख को पुलिस विभाग की काली भेड़ों विरुद्ध ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह मामला पुलिस विभाग की साख और छवि को प्रभावित करने वाला भी है।

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