रिश्वत मामले में गिरफ्तार डीआईजी एचएस भुल्लर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

- हाई कोर्ट के निर्देश पर शिकायतकर्ता को सिक्योरिटी देगी पंजाब सरकार
चंडीगढ़{ गहरी खोज }: सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार पंजाब के आईपीएस अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर तथा उनके बिचौलिए को शुक्रवार को चंडीगढ़ की अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने गुरुवार को दोपहर में गिरफ्तारी के बाद से शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे तक भुल्लर के आवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया। रात भर की तलाशी में सात करोड़ रुपये की नकदी तथा करोड़ों के गहने आदि बरामद किए गए हैं।
सीबीआई ने आज सेक्टर-16 स्थित अस्पताल में मेडिकल के बाद भुल्लर को कोर्ट में पेश किया। भुल्लर जब कोर्ट में आए, तो उन्होंने रुमाल से चेहरा ढका हुआ था। इस पर जज ने कहा कि अपने चेहरे से रुमाल हटाइए। पेशी के बाद मीडिया के पूछने पर भुल्लर केवल इतना ही बोले- कोर्ट इंसाफ करेगा, हर चीज का जवाब देंगे। इस बीच भुल्लर के वकील एचएस धनोआ ने कहा कि भुल्लर को करीब 11:30 हिरासत में लिया गया, मगर गिरफ्तारी रात 8 बजे डाली गई। वकील एएस सुखुजा ने कहा कि अदालत के अंदर भुल्लर की मेडिसिन को लेकर बताया गया था। कोर्ट में कहा कि नियमों के अनुसार उन्हें मेडिसिन दी जाए। इसके बाद कोर्ट ने मेडिसिन देने के लिए कहा।
आईपीएस अधिकारी भुल्लर के केस में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि इस स्तर पर भी अगर ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो यह बेहद चिंताजनक है। हमें यह दिखाई क्यों नहीं दे रहा। मीडिया में खबर आई है कि सात करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। यह रकम एक दिन में तो इकठ्ठा नहीं हुई होगी। इतना बड़ा पुलिस अफसर और इतना बड़ा विभाग होने के बावजूद बाहर की एजेंसी को आकर कार्रवाई करनी पड़ी।
हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत देने वाले स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्ता ने सिक्योरिटी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने जान को खतरा बताया। शुक्रवार को हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार और सीबीआई को आकाश बत्ता को सिक्योरिटी देने का आदेश दिया।