पुणे में जोरावर टैंक पर सवार हुए रक्षा मंत्री, स्वदेशी हथियारों की प्रदर्शनी देखी

0
T20251016193942
  • युद्ध की बदलती प्रकृति को समझने और उसके अनुसार ढलने की आवश्यकता पर जोर

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पुणे में डीआरडीओ की प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) का निरीक्षण किया। इस मौके पर स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें रक्षा मंत्री जोरावर टैंक पर भी सवार हुए। प्रदर्शनी का निरीक्षण करने के बाद राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों, युद्ध की बदलती प्रकृति को समझने और उसके अनुसार ढलने की आवश्यकता पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति ने आज डीआरडीओ की पुणे स्थित प्रमुख प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) का दौरा किया। इस दौरान समिति ने क्लस्टर की विभिन्न प्रयोगशालाओं में विकसित अत्याधुनिक उत्पादों का निरीक्षण किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री जोरावर टैंक पर भी सवार हुए। प्रदर्शनी में उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, पिनाका रॉकेट सिस्टम, हल्का टैंक जोरावर, पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफ़ॉर्म और आकाश-नई पीढ़ी की मिसाइल को दर्शाया गया। समिति को रोबोटिक्स, रेल गन, विद्युत चुम्बकीय विमान प्रक्षेपण प्रणाली, उच्च-ऊर्जा प्रणोदन सामग्री आदि के क्षेत्र में विकसित की जा रही प्रौद्योगिकियों की स्थिति से भी अवगत कराया गया।
इसके बाद ‘उभरती प्रौद्योगिकि​यां और डीआरडीओ’ विषय पर बैठक ​में रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों और युद्ध की बदलती प्रकृति को समझने और उसके अनुसार ढलने की आवश्यकता पर ​जोर दिया। उन्होंने ते​जी से बदलती दुनिया में उन्नत तकनीकों को आवश्यक​ बताया।​राजनाथ सिंह ने कहा​ कि आज तकनीक केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रही​, बल्कि यह हमारे रणनीतिक निर्णयों, रक्षा प्रणाली और भविष्य की नीतियों का आधार बन गई है।​ उन्होंने कहा​ कि हमें केवल तकनीक का उपयोगकर्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता भी बनना चाहिए।​ इसे ​हासिल करने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता है।
बैठक में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। महानिदेशक (एसीई) और क्लस्टर के निदेशक एवं वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *