बेलेकेरी बंदरगाह के ‘अवैध’ लौह अयस्क निर्यात मामले में ईडी की छापेमारी

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नई दिल्ली/बेंगलुरु{ गहरी खोज }: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दक्षिणी राज्य कर्नाटक के बेलेकेरी बंदरगाह के माध्यम से कथित अवैध लौह अयस्क निर्यात से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कर्नाटक और हरियाणा में कई स्थानों पर तलाशी ली। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत बेंगलुरु और हॉस्पेट (विजयनगर जिला) में कम से कम 20 परिसरों और हरियाणा के गुरुग्राम में कुछ अन्य परिसरों पर छापा मारा गया।
उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (FIRs) और आरोपपत्रों (chargesheets) के एक समूह से उपजी है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद जांच शुरू की थी जिसमें उसे बेलेकेरी बंदरगाह से लौह अयस्क के “अवैध” निर्यात की घटनाओं की जांच करने को कहा गया था।
ईडी की तलाशी में शामिल कंपनियों में एमएसपीएल लिमिटेड (बालदोता समूह), ग्रीनटेक्स माइनिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्रीनिवास मिनरल्स ट्रेडिंग कंपनी, अर्शद एक्सपोर्ट्स, एसवीएम नेट प्रोजेक्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और अल्पाइन मिनमेटल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ उनके प्रमुख प्रबंधन व्यक्ति शामिल हैं। ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी के लिए उनसे तत्काल संपर्क नहीं हो सका। सूत्रों ने बताया कि आरोप है कि आरोपियों ने वैध करों और रॉयल्टी का भुगतान किए बिना अवैध रूप से लौह अयस्क की खुदाई, खरीद, बिक्री और ढुलाई की। ईडी के एक सूत्र ने कहा, “इससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और पर्यावरण को भी जबरदस्त क्षति पहुंची।” इस बंदरगाह से जुड़े एक मामले में, एजेंसी ने बेलारी से बेलेकेरी तक लौह अयस्क के “अवैध” परिवहन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सितंबर में कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल को भी गिरफ्तार किया था।

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