महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में करोड़ों के इनामी नक्सली नेता भूपति ने 60 साथियों के साथ किया आत्मसमर्पण

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गढ़चिरोली{ गहरी खोज }: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में करोड़ों के इनामी 60 वर्षीय नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने अपने 60 साथियों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। महाराष्ट्र पुलिस के विश्वस्त सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।
नक्सल आंदोलन के वरिष्ठ पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति उर्फ सोनू दादा ने अपने लगभग 60 साथियों के साथ मंगलवार को गढ़चिरौली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह नक्सलवादी आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
भूपति देश के ‘मोस्ट वांटेड’ नक्सली नेताओं में से एक रहा है। उस पर विभिन्न राज्यों में कई करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। भूपति पर तेलंगाना प्रदेश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा का इनाम है। छत्तीसगढ़ में भी एक करोड़ से अधिक का इनाम है। इसके अलावा आंध प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश में भी इस नक्सली नेता भूपति पर करोड़ों का इनाम बताया जा रहा है।
भूपति उर्फ सोनू दादा का नाम नक्सल संगठन की उच्चतम केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो में शामिल है। हाल ही में भूपति ने अपने नाम से एक पत्र जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि “हथियार उठाना एक गलती थी” और “जनता से माफी मांगकर शांति का मार्ग अपनाना आवश्यक है।” इस बयान के बाद नक्सल संगठन के भीतर गहरे मतभेद उभरने के साथ आंतरिक कलह शुरू होने की बातें सामने आई थीं।
केंद्रीय समिति के कुछ सदस्यों ने उसके इस कदम को “विश्वासघाती रुख” बताया था। भूपति पिछले दो दशकों से छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र सीमा क्षेत्र में सक्रिय था। उसे नक्सल आंदोलन का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था और बसवराजू उर्फ नंबाला केशव राव के निधन के बाद महासचिव पद के लिए उसका नाम चर्चा में था।
गढ़चिरौली पुलिस ने अब तक इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार “उच्च स्तर पर चर्चा और आत्मसमर्पण प्रक्रिया की तैयारी” चल रही है। सूत्रों का कहना है कि भूपति ने 13 अक्टूबर की रात को ही आत्मसमर्पण कर दिया था।
कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है नक्सली नेता भूपति 60 वर्षीय मलोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति तेलंगाना का निवासी है। मलोजुल्ला उर्फ भूपति को कई और उप नामों से भी जाना जाता है। उसे ‘अभय’, ‘सोनू’ और ‘लछन्ना’ जैसे अन्य नामों से भी पहचाना जाता है। वह प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रमुख नेताओं में से एक है। वह कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है, जिसमें भीमा मंडावी हत्याकांड प्रमुख है। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसकी तलाश कर रही थी।
उसने केंद्रीय प्रवक्ता अभय के नाम पर पत्र जारी किया था। इसमें भूपति ने हथियार छोड़कर शांति वार्ता की पेशकश की थी। अब सोनू के नाम पर एक और पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि आंदोलन ने कई गंभीर गलतियां कीं। हथियार उठाना हमारी सबसे बड़ी भूल थी, इसलिए हम जनता से खुले तौर पर माफी मांगते है। दोनों पत्र एक ही व्यक्ति ने जारी किए थे।
ये पत्र मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ अभय उर्फ भूपति उर्फ सोनू ने पत्र लिखे हैं। एक पत्र संगठन के आधिकारिक लेटरहेड पर जारी किया गया जबकि दूसरा पत्र व्यक्तिगत रूप से सोनू के नाम पर जारी किया गया था। वर्ष 2011 में मारे गए शीर्ष माओवादी किशनजी के भाई अभय उर्फ सोनू ने पत्र में लिखा है कि जनता के असली मुद्दे जमीन, जंगल और सम्मान थे, लेकिन हमने बंदूक का रास्ता अपनाया, जिससे न्याय मिलने के बजाय निर्दोषों पर और अत्याचार हुए। हमें स्वीकार करना होगा कि हथियारबंद संघर्ष ने आंदोलन को कमजोर किया और लोगों को पीड़ा दी। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वांटेड इनामी नक्सलियों की लिस्ट जारी की है। इसमें साढ़े 52 लाख रुपये के 20 इनामी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में मलोजुल्ला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ साेनू पर करीब एक करोड़ का इनाम है।
महाराष्ट्र पुलिस सूत्रों का कहना है कि 16 अक्टूबर (गुरुवार) को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में भूपति और उसके साथी औपचारिक रूप से हथियार त्यागकर आत्मसमर्पण करेंगे और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लेंगे। इसलिए इस आत्मसमर्पण को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
हालांकि नक्सल संगठन के वर्तमान नेतृत्व ने भूपति के कदम पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है। कुछ क्षेत्रों में उसके खिलाफ पत्रक जारी किए गए हैं, जिनमें उसे “संगठन छोड़कर सरकार से मिलीभगत करने वाला” बताया गया है।

संक्षेप में-

नाम :- मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति (सोनू दादा)

भूमिका :- पोलित ब्यूरो सदस्य, वरिष्ठ रणनीतिकार

इनाम : – विभिन्न राज्यों की ओर से करोड़ों के इनाम हैं घोषित

स्थिति :- आत्मसमर्पण का दावा; आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा

महत्त्व :- माओवादी आंदोलन में विभाजन और शांति की दिशा में झुकाव

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