मंगोलिया को ऑयल रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए 1.7 अरब डॉलर की ऋण सहायता देगा भारत

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना के बीच मंगलवार को यहां के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। भारत मंगोलिया को तेल रिफाइनरी परियोजना के लिए 1.7 अरब डॉलर का ऋण देगा। यह भारत की विश्व में सबसे बड़ी विकास सहयोग परियोजना है।
दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अब मंगोलिया के नगरिकों को निःशुल्क ई-वीजा सुविधा देगा। इसके अलावा हर वर्ष मंगोलिया के युवा सांस्कृतिक राजदूत बन प्रायोजित यात्रा पर भारत यात्रा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में सांस्कृतिक एकजुटता और बौद्ध विरासत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सदियों से दोनों देश बौद्ध धर्म के सूत्र में बंधे हैं, जिसकी वजह से हमें आध्यात्मिक बंधु भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय ने मंगोलिया में बौद्ध धर्म के लिए अहम भूमिका निभाई है। दोनों नेताओं ने तय किया कि नालंदा और ‘गंदन मॉनेस्टेरी’ को साथ जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि हम ‘गंदन मॉनेस्टेरी’ में एक संस्कृत शिक्षक भी भेजेंगे, ताकि वहां के बौद्ध ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जा सके और प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके। हमारा रक्षा और सुरक्षा सहयोग भी लगातार मजबूत हो रहा है। प्रधानमंत्री ने हर्ष व्यक्त किया कि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों— सारिपुत्र और मौद्गल्या-यन के पवित्र अवशेष को भारत से मंगोलिया भेजा जाएगा।
मंगोलिया के राष्ट्रपति उखना ने आज सुबह राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति उखना ने राष्ट्रपति की माँ के सम्मान में हैदराबाद हाउस में संयुक्त रूप से एक पौधा लगाया। यह पहल प्रधानमंत्री की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल और राष्ट्रपति के एक अरब पेड़ अभियान को एक साथ लाती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की रक्षा करने की एक साझा प्रतिबद्धता है।